Court rejected

– अभ्यर्थियों ने स्केलिंग प्रक्रिया को विधि विरुद्ध बताते हुए परिणाम में लगाए गड़बड़ी के आरोप
जयपुर। राजस्थान लोक सेवा आयोग की ओर से सहायक वन संरक्षक व वन रेंजर परीक्षा परिणाम में कई अभ्यर्थियों को चार सौ में से चार सौ अंक दिए जाने को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं। अभ्यर्थियों का आरोप है कि राजस्थान लोक सेवा आयोग ने पहले बताए बिना ही स्केलिंग के नाम पर कई छात्रों के 70-80 नम्बर बढ़ा कर 200 नम्बर के ऑप्शनल विषयों में पूरे के पूरे 400 अंक दे दिए। वहीं अन्य विषयों वाले छात्रों के 60-70 नम्बर तक घटा दिए गए। स्केलिंग अपनाने से परीक्षा परिणाम ही बदल गया है। अभ्यर्थी मुदित, मोहित आदि ने बताया कि साढ़े तीन साल से भी ज्यादा समय से आरपीएससी से निकली भर्तियों में कभी भी स्केलिंग प्रक्रिया को नहीं अपनाया गया है और ना ही इसके बारे में कोई जानकारी दी गई। अचानक स्केलिंग प्रक्रिया को अपनाकर परीक्षा के करीब 10 महीने बाद परिणाम जारी किया गया। उनका कहना है कि एक बार भर्ती प्रक्रिया आरम्भ होने के बाद संसूचित नियमों में बदलाव नहीं किया जा सकता। आयोग ने बाद में स्केलिंग प्रक्रिया लागू करके अपने लोगों को फायदा पहुंचाया है। जबकि नियमानुसार स्केलिंग प्रक्रिया के बारे में भर्ती प्रक्रिया के दौरान बताना चाहिए था। इस बारे में अभ्यर्थियों ने आरपीएससी चेयरमैन को लिखित शिकायतें भी दी। आरटीआई से सूचना भी मांगी गई, लेकिन आयोग नहीं ना तो सूचना दी और ना ही शिकायतों पर कार्यवाही की। अब हाईकोर्ट ेमें इस मामले की सीबीआई व एसीबी जांच की मांग की है तो आयोग ने आनन-फानन में स्केलिंग प्रक्रिया अपनाते हुए परिणाम घोषित कर दिया है, जो विधि विरुद्ध है। अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया कि परीक्षा परिणाम में गड़बड़ी हुई है। कई अभ्यर्थियों को फायदा देने के लिए अंक बढ़ा दिए तो बहुतों के अंक घट गए। गणित, पर्यावरण जैसे विषयों में दो सौ में से दौ सौ अंक अभ्यर्थियों को दिए गए हैं, जो संभव नहीं है। अभ्यर्थियों के एडवोकेट अभिनव शर्मा की ओर से हाईकोर्ट में दायर याचिका के माध्यम से परीक्षा परिणाम में हुई गड़बड़ी के बारे में अवगत कराया गया है और मामले की जांच सीबीआई से करवाने की गुहार की गई है।
– हाईकोर्ट में लंबित है मामला
18 से 26 फरवरी 2021 के बीच सहायक वन संरक्षक एवं वन रेंजर परीक्षा हुई, जिसका परिणाम 9 दिसम्बर 2021 को जारी हुआ। लेकिन छात्रों के अंक जारी नहीं किए गए। कुछ अभ्यर्थियों के अंक अपनी श्रेणी की घोषित कटऑफ  से ज्यादा थे, लेकिन उन्हें नियुक्ति प्रक्रिया से वंचित कर दिया गया। इस पर उन अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट में याचिका लगाते हुए आयोग पर मनमाने तरीके से अंक घटाने और बढाने का आरोप लगाते हुए न्याय की गुहार लगाई। हाईकोर्ट में याचिका के दौरान 15 फरवरी 2022 को अंक तालिका जारी की गई, जिससे जानकारी सामने आई कि आरपीएससी ने बिना बताए स्केलिंग प्रक्रिया के नाम पर परिणाम से छेड़छाड़ की है। इससे कई छात्रों के 70-80 नम्बरों का इजाफ ा कर करके  200 नम्बर के दोनों ऑप्शनल विषयों में पूरे में से पूरे 400 अंक दे दिए, वहीं अन्य विषयों वाले छात्रों के 60-70 नम्बर तक घटा दिए गए। भर्ती प्रक्रिया के तहत सामान्य अंग्रेजी व सामान्य ज्ञान के अनिवार्य प्रश्न पत्रों के साथ ही विज्ञान संकाय के 20 प्रश्न पत्रों में से दो वैकल्पिक प्रश्न पत्रों का चुनाव करना था। सभी प्रश्न वैकल्पित पद्धति के थे। गौरतलब है कि वन विभाग की इस भर्ती का विज्ञापन अप्रैल 2018 में निकाला। तब से यह परीक्षा कई बार स्थगित की गई।

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