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जयपुर। राजस्थान विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष रामेष्वर डूडी ने प्रदेश की वसुंधरा राजे सरकार को मौजूदा बिजली संकट के लिए दोषंी ठहराया है। उन्होंने कहा कि पिछले पौने चार साल में प्रदेश में बिजली उत्पादन गिरा है और बिजली कुप्रबंधन के कारण दीपावली व फसलों की बुवाई के खास मौके पर गांवों को बिजली नहीं मिल पा रही है। सरकार गांवों में पांच घंटे कटौती का दावा कर रही है लेकिन हकीकत में गांवों में बिजली पांच घंटे ही मिल पा रही है। नेता प्रतिपक्ष रामेष्वर डूडी ने कहा है कि सरकार देश में कोयले की कमी का तर्क दे रही है, लेकिन प्रदेश में बीकानेर जिले में लिग्नाइट के अपार भंडार मौजूद हैं। डूडी ने सवाल उठाया है कि पिछले पौने चार साल में बीकानेर के बरसिंहसर के तापघर की दुर्दशा क्यों हुई।

डूडी ने कहा कि देश के एक बड़े औद्योगिक घराने को लाभ पहुंचाने के लिए राज्य सरकार ने भारत सरकार के उपक्रम नैवेली की उपेक्षा की और वर्श 2015 में नैवेली के साथ बरसिंहसर तापघर के पॉवर पर्चेज एग्रीमेंट का रिन्यूवल होना था, जो कि राज्य सरकार ने नहीं किया। इसी प्रकार बाड़मेर में गिरल स्थित पॉवर प्लांट भी दुर्दशा का शिकार है। पिछली कांग्रेस सरकार ने बीकानेर के कोलायत के बीठनोक में लिग्नाइट के प्रचुर भंडार के मद्देनजर वहां पॉवर प्लांट लगाने की कार्ययोजना बनाई थी, लेकिन वसुंधरा राजे सरकार ने इस पर पानी फेर दिया। नेता प्रतिपक्ष रामेष्वर डूडी ने कहा है कि आज प्रदेश के पॉवर प्लांट सरकार के कुप्रबंधन का शिकार हैं। नौ अक्टूबर को चालू तीन इकाईयां भी ठप हो गई। इनमें एक इकाई सूरतगढ़ की और दो निजी हैं, ये इकाईयां 750 मेगावाट विद्युत उत्पादन कर रही थीं। प्रदेश में बिजली को लेकर जो संकट व्याप्त हुआ है, उसके पीछे सरकार में व्याप्त अराजकता व भ्रष्टाचार जिम्मेदार है क्योंकि सरकार में बैठे लोग निजी क्षेत्र को लाभ पहुंचाने के लिए प्रदेश के बिजली तंत्र को खस्ताहाल हालत में पहुंचा देना चाहते हैं।

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