जयपुर। नर्स ग्रेड-द्वितीय और एएनएम भर्ती-2013 में भरतपुर और धौलपुर के जाटों को ओबीसी आरक्षण का लाभ नहीं देने के मामले में डीओपी सचिव मंगलवार को अदालत में पेश हुए। उन्होंने अदालत को बताया कि आरक्षण देने के संबंध में जारी अधिसूचना के स्पष्टीकरण के लिए गत 27 जनवरी को आदेश जारी किए गए हैं। इसके तहत याचिकाकर्ताओं की नियुक्ति के लिए प्रकरण को उच्च स्तर पर भेजा जाएगा। वहां से स्वीकृति मिलने के बाद नियुक्ति के संबंध में आगामी कार्रवाई कर अदालत को अवगत कराया जाएगा। इस पर अदालत ने प्रकरण की सुनवाई 14 मई को तय की है। न्यायाधीश आलोक शर्मा की एकलपीठ ने यह आदेश चन्द्रशेखर व अन्य की ओर से दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए।
याचिका में सतीश खंडेलवाल ने अदालत को बताया कि राज्य सरकार ने फरवरी 2013 में 15 हजार से अधिक नर्स ग्रेड द्वितीय और एएनएम के लिए भर्ती विज्ञापन जारी किया था। याचिकाकर्ताओं ने ओबीसी वर्ग में आवेदन किया था, लेकिन नियुक्ति प्रक्रिया के लंबित रहने के दौरान हाईकोर्ट ने 10 अगस्त 2015 को आरक्षण रद्द कर दिया था। वहीं राज्य सरकार ने 23 अगस्त 2017 को भरतपुर और धौलपुर के जाटों को पुन: ओबीसी मानते हुए आरक्षण का लाभ दे दिया। वर्तमान में नर्स ग्रेड द्वितीय 2013 की भर्ती प्रक्रिया चल रही है। इसके बावजूद भी याचिकाकर्ताओं को ओबीसी के तहत नियुक्तियां नहीं दी जा रही है, जबकि याचिकाकर्ता ओबीसी वर्ग की मेरिट में स्थान रखते हैं। याचिका में कहा गया कि हाईकोर्ट ने गत दिसंबर माह में याचिकाकर्ताओं को ओबीसी वर्ग में नियुक्ति देने के निर्देश दिए थे, लेकिन राज्य सरकार की ओर से पालना नहीं की गई। जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने कार्मिक सचिव को पेश होकर अपना स्पष्टीकरण देने को कहा था।






























