Padmavati

जयपुर। पद्मावती फिल्म का विवाद थमता दिख रहा है। फिल्म निर्माता और निर्देशक संजय लीला भंसाली ने करणी सेना और राजपूत समाज के पदाधिकारियों को पत्र लिखा है। पत्र में भंसाली ने समाज को भरोसा दिलाया है कि इस फिल्म में कुछ भी गलत नहीं है, बल्कि राजपूत समाज राजपूताना की इस वीरांगना पद्मावती और मेवाड़ के गौरवशाली इतिहास पर गर्व करेगा। भंसाली के इस पत्र करणी सेना और राजपूत समाज के नेताओं ने संतुष्ठि दिखाते हुए भंसाली को सुझाव दिया है कि इस फिल्म का नाम बदल दिया जाए। फिल्म को प्रदर्शित करने से पहले राजपूत समाज के प्रतिनिधिमण्डल व इतिहासकारों को यह फिल्म दिखाई जाए। दो दिन पहले जयगढ़ किले में शूटिंग के दौरान राजपूत करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने भंसाली व उनके स्टाफ से मारपीट की थी। सामान में तोडफोड की थी। इस घटना के बाद भंसाली शूटिंग का पैकअप करने के बाद मुम्बई लौट गए। हालांकि इसे लेकर राजस्थान ही नहीं देशभर में विवाद हो गया। फिल्मी दुनिया भंसाली के समर्थन में तो राजपूत समेत अन्य समाज उनके विरोध में उतर आया। सोशल मीडिया भी आरोप-प्रत्यारोप के दौर चले। विवाद बढ़ता देख सोमवार को भंसाली ने अपने ही कम्पनी की एक प्रतिनिधि शोभा संत के जरिए एक लिखित पत्र जयपुर में राजपूत सभा के अध्यक्ष गिराज़्ज सिंह को भिजवाया। इस पत्र में कहा है कि इस फि ल्म में रानी पद्मिनी और अलाउद्दीन खिलजी के बीच कोई प्रेम दृश्य या आपत्तिजनक स्वप्न दृश्य नहीं है। हम लोग बहुत सावधनी से पूरी रिसर्च कर फि ल्म बना रहे हैं। विश्वास है कि फि ल्म देखने के बाद मेवाड के लोग अपनी सम्मानित रानी पर गर्व करेंगे। हमारा किसी की भी भावनाओं को ठेस पहुंचाना उद्देश्य नहीं है और यहां के सामाजिक संगठन हमं फि ल्म बनाने में सहयोग करेंगे तो हमें अच्छा लगेगा। भंसाली ने पत्र में राजपूत समाज से फि ल्म बनाने में सहयोग करने का आश्वासान मांगा है। शोभा संत व कंपनी के अन्य लोगों ने राजपूत समाज के नेताओं से मुलाकात करके मामले में स्थिति स्पष्ट की। बाद में आज संयुक्त प्रेस कांफ्रेस में शोभा संत ने भंसाली के पत्र का हवाला देते हुए स्थिति साफ की। इतिहास से किसी भी तरह की छेड़छाड़ से इंकार किया। राजपूत सभा के अध्यक्ष गिर्राज सिंह और करणी सेना के अध्यक्ष महिपाल सिंह ने कहा कि हम इस बात से संतुष्ट है कि फिल्म में तथ्यों से छेडछाड नहीं की जाएगी। करणी सेना के कुछ कार्यकर्ताओं ने फि ल्म का नाम बदलने की मांग की। करणी सेना के संस्थापक और संरक्षक लोकेन्द्र सिंह कालवी ने कहा कि हम भंसाली के स्पष्टीकरण से संतुष्ट है। फिल्म का नाम बदलने और प्रदर्शन से पहले फिल्म दिखाने का सुझाव दिया है।

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