High Court

जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को आदेश दिए हैं कि वह अभियोजन अधिकारियों को सातवें वेतन आयोग का लाभ अदा करें। इसके साथ ही अदालत ने नए नियुक्त 294 अभियोजन अधिकारियों को लैपटॉप और लाइब्रेरी सहित अन्य सुविधाएं मुहैया कराए। अदालत ने जयपुर मेट्रो के जिला एवं सत्र न्यायाधीश को दस मई तक बताने को कहा है कि मैट्रो में तैनात अभियोजन अधिकारियों को कितनी जगह दी जा सकती है।

मुख्य न्यायाधीश प्रदीप नान्द्रजोग और न्यायाधीश जीआर मूलचंदानी की खंडपीठ ने यह आदेश राजस्थान अभियोजन अधिकारी संघ की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि राज्य सरकार की ओर से नए नियुक्त किए गए 294 अभियोजन अधिकारियों को लाईब्रेरी और लैपटॉप की सुविधा नहीं मिली है। इसके अलावा अभियोजन अधिकारियों को सातवें वेतनमान का लाभ भी नहीं दिया गया है। याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि अभियोजन अधिकारियों के कार्यालय में इतनी भी जगह नहीं है कि वह अपना बस्ता तक रख सके।

ऐसे में अभियोजन अधिकारी सरकारी गवाहों से अदालत में गवाही देने से पहले बातचीत नहीं कर पाते। जिसके चलते अपराध का ग्राफ बढऩे के बावजूद सजा की दर कम हो रही है। जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने नए अभियोजन अधिकारियों को सुविधाएं देने के आदेश देते हुए सातवें वेतनमान का लाभ अदा करने को कहा है।

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