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नयी दिल्ली। केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय की अधीनस्थ संस्था ‘मौलाना आजाद शिक्षा प्रतिष्ठान‘(एमएईएफ) की ओर से स्कूली लड़कियों को दी जाने वाली छात्रवृत्ति योजना में लाभार्थियों की संख्या बढ़ाने पर सहमति बन गई है, हालांकि अभी यह तय नहीं हुआ है कि लाभार्थियों की कुल संख्या क्या होगी और इसके लिए कुल कितने बजट का प्रावधान किया जाएगा। अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी के नेतृत्व में आज एमएईएफ की बैठक हुई जिसमें छात्रवृत्ति योजना, गरीब नवाज कौशल विकास योजना तथा संस्था द्वारा संचालित कुछ दूसरी योजनाओं की समीक्षा की गई । स्कूली बच्चियों को एमएईएफ की ओर से छात्रवृत्ति दी जाती है। फिलहाल लाभार्थियों की संख्या की सीमा 50,000 है और इसके लिए कुल 50 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तावित है। अब तक 11वीं और 12वीं कक्षा की लड़कियों को छात्रवृत्ति दी जाती थी और इस साल नौवीं और 10वीं कक्षा की लड़कियां भी इस योजना में शामिल होंगी।

बैठक में मौजूद एमएईएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, बैठक में यह बात रखी गई कि नौवीं और 10वीं कक्षा की लड़कियों को इस योजना में शामिल किए जाने की वजह से आवेदकों की संख्या काफी बढ़ गई है, ऐसे में लाभार्थियों की संख्या और बजट बढ़ाने की जरूरत पड़ेगी। मंत्री (नकवी) ने कहा कि इस बार पहले से अधिक लड़कियों को छात्रवृत्ति दी जाएगी और इसके लिए बजट की व्यवस्था होगी। इस बैठक के बाद नकवी ने ट्वीट किया, ह्यह्यएमएईएफ के सदस्यों एवं अधिकारियों के साथ छात्रवृत्ति योजना, गरीब नवाज कौशल विकास योजना एवं अन्य योजनाओं की समीक्षा की ताकि इन योजनाओं का लाभ अधिक से अधिक जरूरतमंदों तक पहुंच सके। एमएईएफकी ओर से देश के 100 जिलों एवं शहरों में गरीब नवाज कौशल विकास केंद्र स्थापित किए जा रहे हैं ताकि अल्पसंख्यक समुदाय के बच्चों को रोजगार हासिल करने के लिए छह महीने तक सर्टिफिकेट पाठ्यक्रम संचालित किए जाएं। इसी साल जून में नकवी ने हैदराबाद में पहले गरीब नवाज कौशल विकास केंद्र की शुरूआत की थी।

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