जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि जलवायु परिवर्तन वैश्विक चुनौती है, इसके समाधान के लिए सामूहिक प्रयासों की जरूरत है। उन्होंने कहा कि सरकार पर्यावरण संरक्षण के लिए जल्द ही प्रदेश में नई पर्यावरण नीति लाएगी।
गहलोत रविवार को अलवर जिले के नीमली स्थित अनिल अग्रवाल एनवायर्नमेंट ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट में पर्यावरण पर वार्षिक मीडिया कॉनक्लेव को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि विकास की अविवेकपूर्ण दौड़ सेे दुनियाभर में जलवायु परिवर्तन हुआ है, जिसके दुष्परिणाम सामने आ रहे हैं। उन्होंने इसे गम्भीर चुनौती बताते हुए कहा कि पर्यावरण संरक्षण के लिए हम सभी को अपनी सकारात्मक भूमिका निभानी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी ने इस विषय पर सर्वप्रथम न केवल अपनी चिन्ता जाहिर की थी, बल्कि इसके समाधान के वैश्विक प्रयास भी किए थे। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री श्री राजीव गाँधी ने इस देश को दूरसंचार क्रांति दी। मीडिया इसका सकारात्मक उपयोग कर युवा पीढ़ी को पर्यावरण संरक्षण से जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता हैै। गहलोत ने कहा कि राजस्थान में सौर एवं पवन ऊर्जा की असीम सम्भावनाएं हैं। इन्हें प्रोत्साहन देने के लिए राज्य सरकार नई नीति लाई है। करीब 20 वर्ष पूर्व जब मैं प्रदेश का मुख्यमंत्री था तब राज्य में सौर ऊर्जा का उत्पादन मात्रा दो मेगावाट था, अब यह बढ़कर चार हजार मेगावाट हो गया है। इसे और बड़े स्तर पर ले जाने के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान में 20 प्रतिशत भू-भाग पर वनारोपण के लक्ष्य को पूरा करने के लिए सरकार गम्भीरता से प्रयास कर रही है। उन्होंने सिलिकोसिस पीड़ितों को राहत देने के लिए राज्य सरकार द्वारा लाई गई नीति का भी जिक्र किया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर संस्थान के ‘‘एनुअल स्टेट ऑफ इंडियाज एनवायर्नमेंट रिपोर्ट 2020’’ का विमोचन भी किया। इस अवसर पर सीएसई संस्थान की निदेशिका श्रीमती सुनीता नारायण एवं इंडिया टुडे ग्रुप के सम्पादक राज चेंगप्पा ने भी विचार व्यक्त किए।

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