लखनऊ। उत्तरप्रदेश की चार सौ तीन विधानसभा सीटों पर एक भी मुस्लिम प्रत्याशी भाजपा नहीं उतारा, जबकि पूरे प्रदेश में करीब 15 से 18 फीसदी जनसंख्या इस समुदाय की है। इतनी बड़ी तादाद में मुस्लिम होने पर मुस्लिम प्रत्याशियों को नहीं उतारने को लेकर जहां विरोधी दल भाजपा पर हिन्दुवादी और ध्रुवीकरण की राजनीति के आरोप लगा रहे हैं, वहीं भाजपा से जुड़े थोड़े-बहुत मुस्लिम कार्यकर्ता व नेता भी पार्टी के इस फैसले खुद को असहज महसूस कर रहे हैं। मुस्लिम प्रत्याशी नहीं उतारने को लेकर अब भाजपा में भी विरोध के स्वर उठने लगे हैं। बताया जाता है कि दो केन्द्रीय मंत्रियों ने भी इस मसले पर सवाल उठाते हुए कहा कि इससे पार्टी की इमेज पर विपरीत प्रभाव पड़ा है। मीडिया को दिए गए साक्षात्कार के मुताबिक केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने कहा है कि यूपी चुनाव में मुस्लिम प्रत्याशी नहीं उतारकर पार्टी ने बड़ी भूल की है। केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि भाजपा ने मुसलमानों को टिकट दिया होता तो यूपी चुनाव में अच्छा होता। टीवी चैनल को दिए गए इंटरव्यू में उमा भारती ने अफसोस जताया कि किसी मुस्लिम प्रत्याशी को चुनाव मैदान में नहीं उतार सके। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह व प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद से इस संबंध में बात की थी कि टिकट देकर हम मुसलमानों को कैसे ला सकते हैं। केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि चुनाव में हम मुस्लिम कार्यकर्ताओं को टिकट दे सकते थे। हालांकि इन नेताओं के इन बयानों पर पार्टी के वरिष्ठ नेता विनय कटियार सवाल भी उठा रहे हैं। वे कहते हैं मुस्लिम हमें वोट नहीं देते हैं तो टिकट क्यों देंवे।

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