-इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना
-जनप्रहरी एक्सप्रेस
जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की पहल पर शुरू की गई इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना शहरी क्षेत्र के वंचित, गरीब एवं बेरोजगार वर्ग को बड़ा संबल दे रही है। हर हाथ को रोजगार के उद्देश्य के साथ शुरू की गई इस योजना में मात्र 6 दिन में ही एक लाख से ज्यादा लोगों को रोजगार मिला है। यह संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। प्रदेश के शहरी क्षेत्र के जरूरतमंद तबके में इस योजना को लेकर खासा उत्साह देखने को मिल रहा है। स्थानीय निकाय विभाग के शासन सचिव जोगाराम ने बताया कि योजना के तहत अब तक 2 लाख 45 हजार से अधिक परिवारों के जॉब कार्ड बनाए गए हैं। इन परिवारों के 3 लाख 83 हजार 639 लोगों का नाम जॉब कार्ड में शामिल है। योजना में अब तक 96 हजार 452 परिवारों के एक लाख 39 हजार 798 लोगों ने रोजगार की मांग की है। मांग के अनुरूप योजना शुरू होने के मात्र 6 दिवस में ही लगभग एक लाख लोगों को रोजगार उपलब्ध करवा दिया गया है। उन्होंने बताया कि योजना में मांग के अनुरूप तुरंत प्रभाव से रोजगार उपलब्ध करवाया जा रहा है। राज्य सरकार का प्रयास है कि कोई भी व्यक्ति आजीविका के लिए रोजगार से वंचित नहीं रहे। जोगाराम ने बताया कि योजना में अकुशल श्रमिक की मजदूरी 259 रुपये प्रति दिवस, मेट का मानदेय 271 रुपये एवं कुशल श्रमिक की मजदूरी 283 रुपये प्रतिदिवस निर्धारित की गयी है। रोजगार प्राप्त करने वाले श्रमिकों को मजदूरी का भुगतान भी निर्धारित अवधि में सीधे उनके बैंक खातों में किया जाएगा। उन्होंने बताया कि मनरेगा की तर्ज पर शहरी क्षेत्रों में गारंटीशुदा रोजगार उपलब्ध कराने के लिए ऐसी योजना शुरू करने वाला राजस्थान पहला राज्य है। इसमें शहरों के हर जरूरतमंद परिवार के 18 से 60 वर्ष की आयु के लोगों को 100 दिन का रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है।
योजना के तहत रोजगार प्राप्त करने वाली जयपुर के जवाहर नगर निवासी पार्वती देवी का कहना उनके पति बेरोजगार हैं और उनके पास भी आजीविका के लिए कोई साधन नहीं था। यह योजना शुरू होने से उनको रोजगार मिला है। वे अभी खानिया की बावड़ी में नाला सफाई का कार्य कर रही हैं। पार्वती देवी ने बताया कि उनके दो बच्चे हैं। परिवार लिए दो वक्त की रोटी जुटाना भी उनके लिए बहुत मुश्किल था और आर्थिक तंगी के कारण बच्चों को पढ़ाना भी। उन्हांेने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उनकी आजीविका की चिंता दूर कर दी है। अब उन्हें 259 रुपये प्रतिदिन मजदूरी मिल रही है। इससे वह परिवार का पालन-पोषण करने के साथ ही अपने बच्चों को पढ़ा सकेंगी। जयपुर के जवाहर नगर इलाके में ही कच्ची बस्ती में रहने वाले मोहम्मद हनीफ को भी इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना में रोजगार मिला है। वे खानिया की बावड़ी में पत्थर तोड़ने का काम कर रहे हैं। उनका कहना है कि कोरोना के दौरान उनका रोजगार छिन गया और घर चलाना मुश्किल हो गया। कोरोना के बाद उन्हें कभी काम मिलता था और कभी नहीं। इसके चलते बेहद आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा था। अब इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना से उन्हें काम तो मिला ही है। इसमें मजदूरी भी अच्छी मिल रही है। उन्होंने मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह योजना जरूरतमंद लोगों के लिए वरदान है। अब गरीब लोगों को रोजगार के लिए दर-दर नहीं भटकना पड़ेगा। जनता कॉलोनी, जयपुर के रहने वाले अजय राज चौहान खानिया की बावड़ी में मेट हैं। वे वहां चल रहे कार्य की देख-रेख करते हैं। उन्हें प्रतिदिन 271 रुपये पारिश्रमिक के रूप में मिल रहे हैं। उन्होंने राज्य सरकार की इस अभिनव पहल की सराहना करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत गरीबों के मसीहा हैं। उन्होंने वंचित और असहाय लोगों की पीड़ा को समझा है और उन्हें सम्मानपूवर्क जीवन जीने के लिए यह महत्वाकांक्षी योजना शुरू की है। इससे लाखों परिवारों को संबल मिलेगा।

LEAVE A REPLY