जयपुर. जयपुर शहर में बने शेल्टर होम (आश्रय स्थल) में कैसी व्यवस्थाएं है इसका जायजा लेने मेयर सौम्या गुर्जर ने आधी रात शहर का दौरा किया। उन्होंने 10 से ज्यादा शेल्टर होम में जाकर वहां की व्यवस्थाएं देखी। सांगानेर शेल्टर होम से अपने दौरे की शुरूआत के दौरान उन्हें बड़ी लापरवाही नजर आई। यहां रहने वाले लोगों के लिए आई रजाईयाें में से कुछ पास के थाने में भिजवा दी। वहीं शेल्टर होम में रहने वाले कुछ लोगों से जब पूछा कि यहां खाने और रहने के लिए कितने पैसे देने पड़ रहे है। मेयर ने रात करीब 11 बजे से एक बजे तक शहर के 10 से ज्यादा शेल्टर होम का दौरा किया। इस दौरान वे सांगानेर, महारानी फार्म, विद्याधर नगर, जेके लॉन हॉस्पिटल, अजमेर रोड 200 फीट बाइपास, त्रिवेणी नगर पुलिया, गांधी नगर रेलवे स्टेशन, गौरव टॉवर के पास बने शेल्टर होम गई और वहां की व्यवस्थाएं देखी। आपको बता दें कि नगर निगम की ओर से सर्दियों में खुले में सोने वाले बेघरों की सुविधा के लिए स्थायी और अस्थायी शेल्टर होम शुरू करवाता है, जिसमें रहने, खाने की सभी व्यवस्थाएं फ्री होती है। जयपुर नगर निगम ग्रेटर की ओर से अभी 20 से ज्यादा अस्थायी शेल्टर होम शहर के अलग-अलग पोइंट्स पर चलाए जा रहे है। सांगानेर थाने के सामने पुलिया के नीचे बने शेल्टर होम में मेयर जब पहुंची तो वहां सो रहे लोगों की संख्या के बारे में मेयर ने वहां मौजूद सुरक्षा गार्ड से पूछा। उन्होंने बताया कि यहां अभी 80 लोग सौ रहे है जबकि इस शेल्टर होम में 100 लोगों के रूकने की व्यवस्था है। इस दौरान एक व्यक्ति रजाई की जगह कंबल में सोता देख मेयर ने गार्ड से पूछा कि इसे कंबल क्यों नहीं दे रखा। मेयर संग आए अधिकारियों ने गार्ड से पूछा कि रजाईयां कम आई है क्या तो उसने जवाब दिया कि कुछ रजाईयां पास में थाने में गई है। इसलिए इनको कंबल दिया है। मेयर ने महारानी फार्म स्थित रेन बसेरे में जाकर कुछ लोगों से बात की और पूछा कि यहां कब से रह रहे हो। तो उनमें से एक-दो लोगों ने बताया कि वे मजदूरी के लिए जयपुर आए है और पिछले एक महीने से यहां रह रहे है। इस दौरान कुछ लोगों ने पूछताछ में बताया कि खाने-रहने का फ्री है, लेकिन सुबह जब पास के सुलभ शौचालय में जाते है तो वहां नहाने-धोने के 10 से 15 रुपए लेते है, जबकि हम उनको शेल्टर होम की पर्ची दिखाते है तो भी वह नहीं मानते। इस दौरान मेयर को बीच सड़क पर कई लोग खुले में कंबल-चादर में ठिठुरते-सोते दिखे। उन्होंने मौके पर गाड़ी रोकी और उनसे बात की। उन्होंने कहा कि खुले में सोने के बजाए आप लोगों के लिए सरकार ने शेल्टर होम खुलवाएं है वहां जाकर क्यों नहीं सोते। इस पर कुछ लोगों ने रजिस्ट्रेशन के लिए डॉक्यूमेंट नहीं होने की बात कही। इसके बाद मेयर ने उन्हें पास के शेल्टर होम ले जाकर वहां सोने-रहने की जगह उपलब्ध करवाई।

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