जयपुर। शरद पूर्णिमा के अवसर पर भवानी सिंह रोड स्थित पाणिग्रह स्थल पर सुप्रसिद्ध मेडिटेशन विशेषज्ञ एवं मंत्रज्ञ निर्मला सेवानी के सान्निध्य में ‘‘मंत्रमय कलेक्टिव मेडिटेशन’’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में उपस्थितजनों ने विभिन्न वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच मानव शरीर के 7 ऊर्जा केन्द्रों को जागृत कर स्वस्थ शरीर एवं स्वस्थ मन-मस्तिष्क की अवधारणा का साक्षात परिचय किया तथा ध्यान चक्रों पर मेडिटेशन किया। बड़ी संख्या में शहर के गणमान्यजनों ने हिस्सा लेकर शरद पूर्णिमा की धवल चांदनी तले मेडिटेशन का अभ्यास कर आत्मिक शांति को अनुभव किया। ब्रह्माण्ड की ऊर्जा पर केन्द्रित इस विषेष मेडिटेषन कार्यक्रम में सुप्रसिद्ध मंत्रज्ञ एवं ज्योर्तिविद् निर्मला सेवानी ने ‘‘ओम् नमः शिवायः’’ के मंत्रजाप से कार्यक्रम की शुरूआत की। उन्होंने बताया कि मानव शरीर की राजसिक, सात्विक और तामसिक ऊर्जाओं को संतुलित करने के लिए शरीर में 7 चक्रों (आधान चक्र, स्वधिष्ठान चक्र, शक्ति चक्र, हृदय चक्र, विषुद्ध चक्र, अज्ञा चक्र, सहस्त्राधारा चक्र) का संयोजन जरूरी है। मेडिटेषन के जरिए इन्हें संतुलित कर स्वस्थ शरीर में स्वच्छ विचारों का प्रवाह किया जाता है। नवरात्र एवं शरद पूर्णिमा के दौरान इस मेडिटेषन का महत्व इसलिए बढ़ जाता है क्योंकि ऋतु परिवर्तन के कारण वातावरण में नई ऊर्जा का संचरण होता है। इसके बाद उन्होंने प्रत्येक चक्र के अनुसार मंत्रजाप करते हुए मेडिटेशन करवाया।