जयपुर। शहर में शनिवार को मकर संक्रांति पर्व की धूम रही। धर्मपारायण नगरी के तौर पर ख्यात गुलाबी नगरी के मंदिर श्रद्धालुओं की भीड़ से अटे ही रहे। मंदिरों में दान पुण्य का सिलसिला सुबह से चला। जो दिनभर जारी रहा। लोगों ने जरुरतमंदों को वस्त्र आदि दान किए तो तिल से बनी वस्तुएं भी दी। वहीं पशु पक्षियों को चारा व दाना डाला। महिलाओं ने परिवार के बुजुर्गों को वस्त्र पहनाकर उनका आशीर्वाद लिया। वहीं प्रात:काल सूर्य को जल चढ़ाकर निरोगी रहने की कामना की। वहीं पतंगबाजी का दौर शहर में पूरे परवान पर ही देखने को मिला। सुबह से शहर की गलियों में वो काटा वो मारा की गूंज सुनने को मिली। युवाओं ने सुबह से फिल्मी गीतों के बीच ऊंची-ऊंची छतों पर चढ़कर पतंगों के ठुमके लगाए। इस दौरान हवा का रुख पंतगों के अनुरुप रहने लोगों ने जमकर पतंगबाजी का आनंद लिया। युवाजन टोलियों में पतंगबाजी करते नजर आए। जहां उनमें पेच लड़ाने के साथ पतंग काटने की हौड़ लगी रही। जिससे शहर का आकाश रंगबिरंगी पतंगों से अटा रहा। सर्दी के मौसम के बीच गुनगुनी धूप में बैठकर लोगों ने तिल के लडडू, फिणी, गजक सहित स्वादिष्ठ व्यंजनों का जमकर लुफ्त उठाया। सूरज ढलने के बाद शहर में एक बार फिर दिवाली मनी। इस दौरान लोगों ने जमकर आतिशबाजी की। शहर में चारों आतिशबाजी होने से लोगों को दिवाली का अहसास हो गया। इधर पंगतबाजी के बीच पक्षियों के डोर के चपेट में आने की घटना भी सामने आई। जहां सामाजिक संगठनों ने पक्षियों को शहर के पांच बत्ती स्थित पशु चिकित्सालय में ले जाकर उनका उपचार कराया। वहीं मांझे की चपेट में आए लोगों को शहर के अस्पतालों में उपचार कराया गया।

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