जयपुर। राजस्थान के कोटा शहर के महावीर नगर थाना परिसर में सीआई श्रीराम को भाजपा विधायक चन्द्रकांता के पति द्वारा थप्पड़ मारने और फिर पुलिसकर्मियों द्वारा विधायक, उनके पति और समर्थकों पर मारपीट का मामला अब जातिगत होने लगा है। राजस्थान की दो बड़ी जातियां इस मामले में एक-दूसरे के खिलाफ लामबंद सी होने लगी है। भाजपा विधायक चन्द्रकांता मेघवाल के पति ने जिस सीआई श्रीराम को थप्पड़ मारा है, वह जाट समाज है। वहीं थप्पड़ मारने वाला अनुसूचित जाति समुदाय से आते हैं। दोनों ही समाज के नेता, समर्थक और कार्यकर्ता इनके पक्ष में ना केवल लामबंद हो रहे हैं, वहीं धरने-प्रदर्शन भी कर रहे हैं। समाज ही नहीं प्रशासन और राजनीति स्तर पर भी यह जातिगत गर्माहट देखी जा रही है। अधिकारी के समर्थन में उनके समाज के नेता बयान दे रहे हैं तो विधायक व उनके पति के समर्थन में भी समाज व राजनीतिक कार्यकर्ता कूद पड़े हैं। मीटिंगों का दौर भी शुरु हो गया है। अंदरखाने राजनीतिक दल इस मामले को भी तूल देने की कोशिश में लगे हुए हैं। शेखावाटी, मारवाड आदि क्षेत्रों में दोनों ही समुदाय बहुतायत में है। नागौर के डांगावास में कुछ महीने पहले हुए विवाद और मर्डर के चलते प्रदेश में दोनों समुदाय के बीच तनाव हो गया था। अब कोटा विवाद से भी वहीं रंग सामने आ रहा है। धीरे-धीरे यह बढ़ता ही जा रहा है। उधर, भाजपा सरकार संकट में है इस विवाद के चलते। भाजपा विधायक, पति व उनके समर्थकों के साथ मारपीट के चलते पार्टी के नेताओं व कार्यकर्ताओं का दबाव सरकार पर बना हुआ है कि दोषी अफसरों पर कार्रवाई है। राजनीतिक रुप से सक्षम दोनों समुदाय को सरकार नाराज नहीं कराना चाहती है। इसलिए पार्टी प्रदेशाध्यक्ष अशोक परनामी व कोटा प्रभारी मंत्री प्रभुलाल सैनी को मामले के फीडबैक और नाराजगी दूर करने के लिए भेजा है। सरकार चाहती है कि मामला नहीं बढ़े और जल्द से जल्द मामले का निपटारा हो जाए। हालांकि विवाद इतना बढ़ गया है कि सरकार को इस मामले में निपटारे में खासी परेशानी झेलनी पड़ सकती है, वहीं विरोधी दलों ने न्यायिक जांच और भाजपा नेताओं पर कार्रवाई की मांग को लेकर सरकार पर प्रहार करने में लगे हुए हैं। राजस्थान विधानसभा में बजट सत्र के दौरान यह मुद्दा उठ सकता है।

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