Investigation of Britain's role in Operation Bluestar: Sikh group

लंदन। ब्रिटिश सिख समूह ने एक नयी रिपोर्ट में 1984 के ऑपरेशन ब्लूस्टार में भारतीय सेना को ब्रिटेन की सरकार से मिली सहायता की प्रकृति की सार्वजनिक जांच करवाने की मांग करते हुए कहा है कि पिछली आंतरिक जांच सिर्फ लीपापोती थी। सिख फेडरेशन यूके की ओर से तैयार की गयी रिपोर्ट ‘सैक्रिफाइजिंग सिख : द नीड फॉर एन इंवेस्टिगेशन’ का आधिकारिक रूप से ब्रिटिश संसद परिसर में विमोचन किया जाएगा। इस रिपोर्ट का ऑल पार्टी पार्लियामेंटरी ग्रुप ऑन ब्रिटिश सिख ने समर्थन किया है। रिपोर्ट में 2014 में नौकरशाह जेरेमी हेयवुड द्वारा की गयी आंतरिक समीक्षा को खारिज करते हुए उसे ब्रिटिश सरकार द्वारा लीपापोती बताया गया है।

हेयवुड ने अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में हुए ऑपरेशन ब्लूस्टार में ब्रिटिश स्पेशल एयर सर्विस की भूमिका की आंतरिक समीक्षा की थी। हाउस ऑफ कॉमन्स में चुनी गयी पहली महिला सिख सांसद और ऑल पार्टी पार्लियामेंटरी ग्रुप ऑन ब्रिटिश सिख की अध्यक्ष प्रीत कौर गिल का कहना है, ‘‘मैं ‘सैक्रिफाइजिंग सिख’ रिपोर्ट के परिणाम को लेकर बहुत चिंतित हूं। यह दिखाता है कि हेयवुड की समीक्षा सिर्फ लीपापोती थी।’’ उन्होंने कहा कि पहले और दूसरे विश्व युद्ध में सिखों के योगदान को अच्छी तरह जानते हुए भी ब्रिटिश सरकार ने उनके विश्वास को धोखा दिया और हजारों की संख्या में सिखों की हत्या में अप्रत्यक्ष रूप से भागीदार रहे। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट में ऐसे तथ्य सामने आये हैं जिन्हें यूं ही नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है और इसकी विस्तृत तथा गहन जांच की जरूरत है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि तत्कालीन प्रधानमंत्री मार्गरेट थैचर ने एसएएस के एक अधिकारी को ऑपरेशन ब्लूस्टार से पहले भारतीय सेना को सलाह देने के लिए भेजा था।

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