जयपुर। राज्य सरकार ने प्रदेश के मरूस्थलीय क्षेत्रों में सोनामुखी की पैदावार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से इसकी उपज की भारत से बाहर निर्यात के लिए खरीदी करने पर क्रय कर में छूट देने तथा निर्यातकों पर पूर्व में लगाई गई शास्ति और ब्याज राशि माफ करने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस विषय में प्रशासनिक स्वीकृति देकर वाणिज्यिक कर विभाग की अधिसूचना के प्रारूप का अनुमोदन कर दिया है।
प्रस्ताव के अनुसार, सोनामुखी के उपज की निर्यात के लिए खरीद पर राजस्थान बिक्री कर अधिनियम-1994 आदि कानूनों के तहत देय क्रय कर में छूट दी जाएगी। साथ ही, इस औषधीय उपज के निर्यातकों द्वारा पूर्व में की गई खरीदी पर देय कर और उस पर लगने वाली शास्ति तथा ब्याज राशि को भी माफ किया जाएगा। इस निर्णय के आधार पर राज्य सरकार कर राजस्व में लगभग 4.32 करोड़ रूपए का घाटा वहन करेगी।
गौरतलब है कि राजस्थान के पाली तथा बाड़मेर आदि जिलों में सोनामुखी की खेती की जाती है। गहलोत के इस निर्णय से प्रदेश में सोनामुखी के उत्पादकों और भारत से बाहर निर्यात से जुड़े कारोबारियों को लाभ होगा।

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