Mohalla-Clinic

नयी दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय ने डीडीए और नगर निकायों की शहर में मोहल्ला क्लीनिकों को स्थापित करने के लिये जमीन की व्यवहार्यता का परीक्षण करने में विफल रहने के लिये आज खिंचाई की। शहर के लोगों को पर्याप्त स्वास्थ्य सुविधा प्रदान करने के लिये मोहल्ला क्लीनिक स्थापित करने का प्रस्ताव है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल और न्यायमूर्ति सी हरिशंकर की पीठ ने दिल्ली विकास प्राधिकरण :डीडीए: को उसके वकील के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई की चेतावनी दी। यह चेतावनी मोहल्ला क्लीनिक के लिये आप सरकार द्वारा प्रस्तावित 245 स्थलों की स्थिति के बारे में बताने में विफल रहने को लेकर दी गई।

अदालत ने कहा, ‘‘हमने सुनवाई की पिछली तारीख के दौरान प्रस्तावित स्थलों पर मोहल्ला क्लीनिकों के संबंध में कठिनाइयों को दूर करने की व्यवहार्यता का परीक्षण करने को कहा था। ऐसा लगता है कि अधिकारी उस मामले में आगे नहीं बढ़ रहे हैं।’’ पीठ ने दिल्ली सरकार के प्रधान सचिव को निर्देश दिया कि वह डीडीए और सभी एमसीडी जैसे तमाम निकायों की एक बैठक बुलाएं ताकि इन क्लीनिकों के लिये चिह्नित की गई जमीनों की व्यवहार्यता का परीक्षण किया जा सके। पीठ ने एजेंसियों से बैठक और उसके अंतिम नतीजे के बारे में स्थिति रिपोर्ट पेश करने को कहा और मामले की अगली सुनवाई की तारीख पांच जनवरी निर्धारित कर दी।

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