Hafiz Saeed

नई दिल्ली। देश की आर्थिक राजधानी के नाम से मशहूर मुम्बई में 26/11 को हुए हमले में मास्टर माइंड हाफिज सईद की नजरबंदी को लेकर पाकिस्तान की पोल खुल गई है। पाकिस्तानी मीडिया में इस मामले में खुलासा किया कि हाफिज की नजरबंदी अमेरिका दबाव में नहीं की गई। वरन हाफिज की जान बचाने को लेकर पाकिस्तान ने उसे नजरबंद कराने के बहाने सुरक्षा प्रदान की है। पाकिस्तान के एक जाने-माने राजनीतिक विशेषज्ञ डा. शाहिद मसूद ने खुलासा किया पिछले कुछ दिनों से अफगानिस्तान से पाकिस्तान में बैठे आतंकियों को फोन कॉल्स आ रहे थे। जब इन कॉल्स को ट्रेस किया गया तो स्थिति सामने आई। जिसके तहत हाफिज सईद के विरोधी व पाक में बैठे उसके कुछ विरोधी गुट के लोग उसकी जान के दुश्मन बने हुए थे। फोन कॉल्स से पता चला कि अफगानिस्तान से तहरीक-ए-तालिबान के हमलावर पाकिस्तान में दाखिल होने की बात सामने आई। इन लोगों ने पाकिस्तान के सिंध और पंजाब में मौजूद स्लीपर सेल के लोगों को पूरी तरह सक्रिय कर दिया। उन्हें यह टारगेट दिया गया कि हाफिज सईद सहित उसके गुर्गों को खत्म कर दिया जाए। गौरतलब है कि अब तक पाकिस्तान सईद की नजरबंदी को लेकर देशहित का हवाला देता आ रहा है। लेकिन इस ताजा खुलासे उसे उसकी झूठी की परतें अब खुलती नजर आ रही है। नजरबंदी के नाम पर हाफिज सईद को विशेष प्रकार की सुरक्षा दी गई है। जिसके तहत उसे इर्द-गिर्द पुलिस का भारी पहरा बैठा दिया गया। जहां पुलिस की मौजूदगी में सईद ने प्रेस कॉफ्रेंस भी की और अमेरिका व भारत के खिलाफ अपना जहर उगला।

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