Grievance Service Portal launched, Credit Co-operative Society

शिकायतकर्ता क्लेम सहित पूरी जानकारी दे सकेगा, शिकायत प्रकोष्ठ करेगा मॉनिटरिंग

जयपुर। सहकारिता मंत्री उदय लाल आंजना ने सोमवार को यहां शासन सचिवालय में क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी के पीड़ितों के लिये शिकायत सेवा पोर्टल की शुरूआत की। उन्होंने कहा कि राजस्थान देश में पहला राज्य है जिसने क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटियों के पीड़ितों के क्लेम निस्तारण के लिये इस प्रकार का पोर्टल जारी किया है। उन्होंने कहा कि पीड़ित व्यक्ति एसएसओ आईडी के माध्यम से लॉगिन कर ‘‘राजसहकार’’ एप के द्वारा या ई-मित्र केन्द्र पर जाकर संबंधित सूचनायेें अपलोड कर सकता है।

आंजना ने सचिवालय में जयपुर संभाग की आयोजित समीक्षा बैठक को संबोधित करते हुये कहा कि शिकायत सेवा पोर्टल के माध्यम से समस्त सूचनायें शिकायत प्रकोष्ठ द्वारा एकत्रित की जायेगी। उन्होंने कहा कि पोर्टल पर सभी 1159 क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटियों की सूची अपलोड कर दी गई है। उन्होंने कहा कि रजिस्ट्रार द्वारा सभी कलक्टर से धोखाधड़ी करने वाली क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटियों की सम्पत्तियों की सूची मांगी गई है।

उन्होंने कहा कि बैनिंग ऑफ अनरेग्यूलेटेड डिपोजिट स्कीम एक्ट को राज्य के निवेशकों के हित में लागू करते हुये रजिस्ट्रार, सहकारिता को प्राधिकारी नियुक्त किया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि शिकायत पोर्टल के माध्यम से शिकायतों का केन्द्रीकरण होने तथा धोखाधड़ी करने वाली क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटियों की सम्पत्ति को भी रजिस्ट्रार द्वारा अधिगृहीत किया जायेगा जिससे निवेशकों को राहत दी जा सके।

आंजना ने निर्देश दिये कि निष्कि्रय गृह निर्माण सहकारी समितियों को अवसायन में लाकर एक माह में उनका पंजीयन रद्द किया जाये जिससे जनता से किसी प्रकार की धोखाधड़ी सम्भव नहीं हो। उन्होंने धारा-55 एवं 57 के अन्तर्गत आने वाली सभी जाँचों को दो माह में पूरा करने के निर्देश दिये। उन्होंने समर्थन मूल्य पर खरीद के लिये की जा रही तैयारियों की समीक्षा करते हुये कहा कि विशेष दस्ते बनाकर खरीद के दौरान निरीक्षण किया जाये ताकि किसानों को परेशानी नहीं हो।

सहकारिता मंत्री ने कहा कि प्रदेश में घाटे में चल रहे उपहार केन्द्रों को बन्द किया जायेगा। प्रमुख शासन सचिव, सहकारिता श्री नरेश पाल गंगवार ने कहा कि जो भी उपहार केन्द्र हानि में चल रहे हैं उनका एक माह में सूची बनाकर एक्शन प्लान तैयार किया जाये और रिपोर्ट के आधार पर सहकारिता मंत्री के निर्देशों के क्रम में हानि में चल रहे केन्द्रों को तत्काल बंद करने की कार्यवाही अमल में लायी जाये।

गंगवार ने कहा कि प्रदेश में 20 से 25 लाख किसान किसी न किसी माध्यम से सहकारिता से लाभान्वित हो रहे हैं। उन्होंने निर्देश दिये कि ऑनलाइन खरीद व्यवस्था किसानों के हित में लागू की गई है। यह सुनिश्चित किया जाये कि किसानों को अनावश्यक रूप से किसी प्रकार की परेशानी नहीं हो। रजिस्ट्रार, सहकारिता डॉ. नीरज के. पवन ने कहा कि क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटियों के शिकायत दर्ज कराने की सेवा प्रारम्भ हो जाने से पीड़ित लोगों की लेनदारियां तथा बैंकों के खातों की संख्या एवं देनदारियों की सूचना प्राप्त हो पायेगी जिससे लोगों की देनदारियां चुकाने में सुविधा मिल पायेगी।

डॉ. पवन ने निर्देश दिये कि खरीद व्यवस्था में किसी प्रकार की कोताही को बर्दाश्त नहीं किया जायेगा और कहीं पर भी शिकायत के सही पाये जाने पर संबंधित अधिकारी एवं कर्मचारी के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जायेगी। उन्होंने बैठक में एजेण्डावार बिन्दुओं पर चर्चा के लिये सहकारिता मंत्री को अवगत कराया। प्रबंध निदेशक राजफैड श्रीमती सुषमा अरोड़ा ने खरीद से संबंधित सभी विषयों पर बैठक में रखा। बैठक में जयपुर संभाग के सभी जिलों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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