Gravel mining leases

जयपुर। खान राज्य मंत्री सुरेन्द्रपाल सिंह टीटी ने गुरुवार को विधानसभा में आश्वस्त किया बजरी की वजह से विकार्य कार्यों को बाधित नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने आश्वस्त किया कि बजरी की उपलब्धता जल्द ही सुनिश्चित करवाई जाएगी। टीटी प्रश्नकाल में विधायकों की ओर से पूछे गए पूरक प्रश्नों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने बताया कि सरकारी एं अद्र्ध सरकारी कायों से जुड़े निर्माण के लिए 15 दिन में एसटीपी जारी कर दी जाएगी। उन्होंने बताया कि एसटीपी के लिए 18 आवेदन आए थे, जिनमें से 4 की एसटीपी जारी कर दी गई है और अन्य पर कार्यवाही चल रही है। उन्होंने कहा कि बजरी की समस्या पूववर्ती सरकार के समय पैदा हुई, उस वक्त 5 हजार हेक्टेयर के खनन पट्टे जारी किए गए जबकि हम 50-50 हेक्टेयर के खनन पट्टे जारी कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ने बजट घोषणा में कहा कि खातेदारों को भी खनन पट्टे दिए जाएंगे। ऎसे काश्तकार, जिनके खेत पर बजरी है, वे 4 हेक्टयेर तक बजरी खनन कर सकेंगे, उन्हें इसके लिए ई-ऑक्शन की जरूरत नहीं होगी।

खान राज्य मंत्री टीटी ने बताया कि हमने बजरी माफियाओं पर अंकुश लगाया गया है। उन्होंने बताया कि 27 खनन पट्टों को रद्द किया गया है। अवैध खनन करने वाले 180 लोगों के खिलाफ एफआईआर करवाई गई है और 10 करोड़ 73 लाख रूपये की शास्ति लगाई गई है। उन्होंने स्पष्ट किया कि बजरी का खनन सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के कारण बंद हुआ था, अब सर्वोच्च न्यायालय द्वारा जो निर्देश दिए जाएंगे, उसके मुताबिक काम शुरू कर देंगे। इससे पहले विधायक श्री सुखराम विश्नोई के मूल प्रश्न का जवाब देते हुए खान राज्य मंत्री श्री टीटी ने कहा कि माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा बजरी खनन पर रोक लगाने के पश्चात् राज्य में खनिज बजरी की उपलब्धता में कमी आई है। वर्तमान में राज्य में बीकानेर, जैसलमेर, नागौर व चित्तौडगढ़ जिलों में स्वीकृत खनन पट्टों में बजरी खनन संचालित है व इन जिलों से राज्य के अन्य भागों में बजरी का परिवहन हो रहा है। उपभोग स्थल से खनन पट्टों की दूरी के अनुसार परिवहन व्यय के कारण बजरी की दरों में भिन्नता हो रही है। बजरी की मांग के अनुसार आपूर्ति न होने के कारण राज्य में चल रहे निर्माण कार्य प्रभावित हो रहे है।
उन्होंने बताया कि भारत सरकार एवं राज्य सरकार की विकास परियोजनाओं में खनिज बजरी की मांग को ध्यान में रखते हुए सरकार द्वारा राजस्थान अप्रधान खनिज रियायत नियम, 2017 में संशोधन कर राजकीय, अद्र्धशासकीय, स्थानीय निकाय, पंचायतीराज संस्थाओं एवं राज्य सरकार द्वारा पोषित अन्य संस्थाओं के निर्माण कायोर्ं को संपादित करने के लिए अल्पावधि अनुमति पत्र जारी करने का प्रावधान किया है, जिससे इन विभागों के ठेकेदारों द्वारा खनिज बजरी के अल्पावधि अनुमति पत्र प्राप्त कर निर्माण कार्य करवाये जा रहे हैं। मुख्यमंत्री द्वारा भी छोटे आकार के खनन पट्टे दिये जाने की घोषणा की गई है, जिससे आमजन को खनिज बजरी सुगमता से कम दरों पर उपलब्ध हो सकेगी। इस सम्बन्ध में विभागीय कार्यवाही की जा रही है।

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