Gokulpura of Prithviraj Nagar becomes a stronghold of illegal constructions

पृथ्वीराज नगर योजना के गोकुलपुरा क्षेत्र की जेडीए अप्रूव्ड आधा दर्जन आवासीय कॉलोनी में अवैध आवासीय और कॉमर्शियल कॉम्पलैक्स का गोरखधंधा, राजस्थान हाईकोर्ट के आदेश को धत्ता बताते हुए हो रहे हैं अवैध निर्माण, जेडीए के अफसर व प्रवर्तन शाखा भू-कारोबारियों के आगे नतमस्तक।
जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट के ऐतिहासिक आदेश पर पृथ्वीराज नगर योजना में बसी आवासीय कॉलोनियों का नियमन और विकास कार्यों का रास्ता क्लीयर करते हुए लाखों लोगों को राहत प्रदान की, लेकिन जनता को दी गई इस राहता का भू-कारोबारी और बिल्डर बेजा फायदा उठाने लगे हैं। योजना में कॉलोनियों के नियम और विकास कार्यों के रास्ते साफ होते हुए अब जेडीए अप्रूव्ड कॉलोनियों में अवैध निमार्णों में लिप्त भू-कारोबारी अपनी बुरी नजर गाडनी शुरू कर दी है। जयपुर के नगर नियोजन और बसावट को कथित तौर पर बिगाडने वाले ऐसे भू-कारोबारी, बिल्डर्स और रियल स्टेट की कंपनियों ने अब पृथ्वीराज नगर की अप्रूव्ड कॉलोनियों की सूरत, सीरत और शांति को भंग करने लगे हैं। इन्होंने जेडीए अफसरों से मिलीभगत करके ना केवल यहां अवैध आवासीय और व्यावसायिक गतिविधियों को अंजाम देने लग गए हैं, बल्कि तेजी से अवैध निर्माण खड़े कर दिए हैं। इससे आवासीय कॉलोनियों की शांति तो भंग होने लगी है। साथ ही अवैध बसावट से होने वाली परेशानियों से जनता परेशान होने लगी है। भू-कारोबारी व बिल्डर ना तो जेडीए से आवासीय व कॉमर्शियल प्रोजेक्ट मंजूर करवाते हैं और ना ही भवन निर्माण नियमों की पालना कर रहे हैं। बिना नियम कायदों के सेटबैक छोड़े अवैध बिल्डिंग कर दी गई है। दर्जनों ऐसी अवैध इमारतें खड़ी की जा रही है। यह सब जेडीए उपायुक्त, विजीलैंस शाखा की मिलीभगत से हो रहे हैं। पृथ्वीराज नगर योजना को लेकर राजस्थान हाईकोर्ट के आदेश की धज्जियां भी जेडीए अफसरों की सांठगांठ से उड़ाई जा रही है। अवैध निर्माण और अवैध व्यावसायिक-आवासीय कॉम्पलैक्स पर पाबंदी के बावजूद सैकड़ों इमारतें खड़ी हो चुकी हैं। रोक के बावजूद व्यावसायिक दुकानों की कतारें खड़ी कर दी गई। मैरिज गार्डन खोल दिए हैं। अवैध निमार्णों व व्यावसायिक गतिविधियों से सड़कों पर वाहनों की कतारें लगने लगी। दूसरे घरों के आगे भी गाडियां खड़ी होने से लड़ाई-झगड़े होने लगे हैं, साथ ही भीड़भाड़ से आवासीय क्षेत्र की शांति भंग होने लगी है।

गोकुलपुरा की आधा दर्जन कॉलोनियों में अवैध निर्माणों की बाढ़…
पृथ्वीराज नगर योजना में शामिल गोकुलपुरा अवैध आवासीय और व्यावसायिक गतिविधियों का अड्डा बना हुआ है। खिरणी फाटक खातीपुरा के पास गोकुलपुरा की गंगा विहार, उमराव विहार, रमेश नगर, तिलक विहार, राधा कृष्ण विहार एवं इससे लगती हुई कई जेडीए अप्रूव्ड कॉलोनियों में धडल्ले से अवैध निर्माण हो रहे हैं। जेडीए अफसरों की मिलीभगत से बहुत से अवैध निर्माण हो चुके हैं। अभी भी आधा दर्जन से अधिक अवैध आवासीय और कॉमर्शियल कॉम्पलैक्स के निर्माण हो रहे हैं। उमराव विहार, गंगा विहार कॉलोनी में पांच अवैध निमार्णों को लेकर स्थानीय लोग शिकायतें भी दे चुके हैं। बिना सेटबैक और नक्शे मंजूर करवाए बिना भू-कारोबारी और बिल्डर धडल्ले से गगनचुम्बी इमारतें खड़ी कर रहे हैं। स्थानीय लोग रोकने जाते हैं तो वे बाहुबल दिखाकर धमकाते हैं। जेडीए उपायुक्त व प्रवर्तन निरीक्षक भी इनसे मिले हुए रहते हैं। गंगा विहार कॉलोनी प्लॉट नम्बर ९१ और १९३ में अवैध आवासीय इमारतें खड़ी हो रही है। इसी तरह उमराव विहार में दो भूखण्डों पर अवैध निर्माण चल रहा है। ऐसे ही निर्माण गोकुलपुरा की अन्य जेडीए अप्रूव्ड कॉलोनियों के भूखण्ड़ों पर हो रहे हैं। भूखण्ड़ों पर अवैध निमार्णों के साथ अवैध तरीके से बोरिंग भी लग रहे हैं। तीन से छह मंजिला अवैध इमारतें बन रही है। पार्किंग के लिए जगह नहीं छोड़ी जा रही है। बिना सेटबैक के आवासीय व कॉमर्शियल निर्माण हो रहे हैं। मैन रोड पर अवैध कॉमर्शियल इमारत में जिम, कोचिंग सेंटर और दूसरी कई व्यावसायिक गतिविधियां हो रही है। मैरिज गार्डन खोल दिए हैं।

जेडीए अफसर-प्रवर्तन निरीक्षक भी भू-कारोबारियों की गोद में
गोकुलपुरा की आवासीय कॉलोनियों में हो रहे अवैध आवासीय और कॉमर्शियल निमार्णों को लेकर स्थानीय जनता और जागरुक लोग लगातार जयपुर विकास प्राधिकरण आयुक्त, जोन उपायुक्त और विजीलैंंस शाखा को संभाल रहे आईपीएस राहुल जैन व अन्य अफसरों को लिखित शिकायतें करते रहे हैं। शिकायतों पर ना तो अवैध निर्माण रुक रहे हैं और ना ही कार्रवाई हो रही है। शिकायतकर्ता एडवोकेट राकेश कुमार, भवानी सिंह आदि का आरोप है, शिकायतों के बाद जेडीए अफसरों के ठाठ हो जाते हैं। हमारी शिकायतों और समस्याओं को दिखाकर भू-कारोबारियों व बिल्डर से मिल जाते हैं। पहचान तक उजागर कर देते हैं। हमें देख लेने की धमकियां दी जाती है। यहीं ही नहीं जिन प्रवर्तन निरीक्षकों के पास अवैध निर्माण तोडने की जिम्मेदारी है, वे ही भू-कारोबारियों से मिल जाते हैं। उनके अवैध निमार्णों, कार्यालयों और दुकानों पर बैठे रहते हैं। शिकायतकतार्ओं को यह सलाह देने से नहीं चूकते कि अवैध निर्माण करने वाले ऊंची पहुंच के हैं। इनका कुछ नहीं बिगड़ पाएगा। शिकायतें वापस लेने तक कह देते हैं। गंगा विहार और उमराव विहार में अवैध निर्माण की शिकायत करने वालों के घरों तक भू-कारोबारी पहुंचकर धमका रहे हैं। इस संबंध में विजीलैंस शाखा और जेडीसी को भी शिकायत दी जा चुकी है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होती है।

हाईकोर्ट के आदेश की परवाह नहीं
राजस्थान हाईकोर्ट ने अपने ऐतिहासिक फैसले में पृथ्वीराज नगर योजना को अवाप्त मुक्त करते हुए इस योजना में बसी कॉलोनियों के नियमन और विकास कार्य करवाने को लेकर राज्य सरकार, यूडीएच और जेडीए कहा। आदेश में नियमन शुल्क लेकर वह राशि सड़क, सीवरेज, पेयजल, पार्क व दूसरी सुविधाओं में खर्च करने कहा, साथ ही आदेश में यह भी था कि यहां अवैध कॉमर्शियल और आवासीय निर्माण नहीं होने चाहिए। इस पर विशेष निगरानी के निर्देश दिए थे, ताकि अवैध बसावट और निर्माण पर अकुंश रहे। लेकिन हाईकोर्ट इन आदेशों की पालना नहीं हो रही है। पूरे पीआरएन में अवैध निमार्णों व कॉमर्शियल गतिविधियों की लगातार शिकायतें आ रही हैं, लेकिन जिम्मेदार जेडीए अवैध निमार्णों में लिप्त कारोबारियों, बिल्डरों पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है।

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