देश ने अच्छे टेनिस खिलाड़ी तो निकाले हैं, लेकिन दशक-डेढ़ दशक में ही एक अच्छा खिलाड़ी निकल पाता है। महिला वर्ग में तो सानिया मिर्जा के अलावा कोई अच्छी खिलाड़ी निकली ही नहीं है। लेकिन करमन कौर थांडी को भविष्य की सानिया मिर्जा के तौर पर देखा जा रहा है। सानिया मिर्जा ने जब इस युवा खिलाड़ी को खेलते देखा तो उनकी प्रतिक्रिया थी कि इसके फोरहैंड में तो मुझसे भी ज्यादा दम है। आदित्य सचदेवा की टेनिस अकादमी में पिछले पांच साल से ट्रेनिंग लेने वाली करमन आजकल फ्राांस में लाल बजरी पर खेलने की ट्रेनिंग ले रही हैं। क्योंकि उन्हें साल के दूसरे ग्रैंड स्लैम टूनामेंट फ्रेंच ओपन के जूनियर वर्ग में भाग लेना है। फिलहाल जूनियर वर्ग में करमन की रैकिंग 47वीं है और सीनियर वर्ग में 692 में है। करमन कौर अपने खेल के दम पर उम्मीद जता रही है कि वह सीनियर वर्ग की रैकिंग को ढाई सौ से तीन सौ तक ले आएगी। अभी तक करमन की उपलब्धियां भी शानदार रही है। भारतीय टेनिस खिलाड़ी करमन कौर थांडी की सबसे बड़ी उपलब्धि दो साल पहले अंडर-16 वर्ग में डब्ल्यूटीए फ्यूचर स्टार्स टेनिस टूर्नामेन्ट का खिताब रही थी। इसके अलावा देश-विदेश के कई नामी टूर्नामेन्ट में भी तीसरे दौर से लेकर फाइनल तक पहुंची है। इस साल तक वह फ्रेंच ओपन, यूएसए ओपन, ऑस्टेलिया ओपन और विम्बडऩ की जूनियर वर्ग में हिस्सा लेंगी। करमन ने उम्मीद जताई है कि वह इन टूर्नामेन्टों में उम्दा प्रदर्शन रहेगा।
जबरदस्त फोरहैंड
करमन का कद पांच फीट 11 इंच है। उनके पक्ष में जाने वाली बात उनकी उम्र भी है। कोच आदित्य सचदेवा कहते हैं कि यह अभी सिर्फ 17 साल की है। इसलिए हमारे पास उसे तैयार करने के लिए चार साल का समय है। वैसे तो इसकी फि जिक खिलाडयि़ों वाली ही है, पर हमने सीबीएससी बोर्ड की इसकी परीक्षाओं के दौरान इसके मसल्स तैयार करने पर ध्यान दिया। परीक्षाओं के दौरान भी उसने नियमित तौर पर अभ्यास किया है। वह आमतौर पर प्रतिदिन चार घंटे टेनिस अभ्यास के अलावा दो घंटे शारीरिक अभ्यास करती है। करमन के खेल की जान जबरदस्त फ ोरहैंड के अलावा बिग सर्विस भी है। आजकल तो खिलाड़ी सिर्फ एक हथियार बिग सर्विस होने पर ही चमक जाते हैं। इसके पास तो दो हथियार हैं। वैसे करमन का बैकहैंड भी कमजोर नहीं है। हमें लगता है कि करमन दो-तीन साल में अपने खेल को पीक पर पहुंचाने के बाद डब्ल्यूटीए रैंकिंग में अंडर 50 जरूर पहुंच जाएगी। वसंत कुंज स्थित रायन इंटरनैशनल स्कूल में कक्षा 12 की छात्रा करमन से जब उनके लक्ष्य के बारे में पूछा तो उनका कहना था कि मैं इस साल के अंत तक 200 से 250 रैंकिंग तक पहुंचना चाहती हूं। इसके बाद मेरा लक्ष्य विश्व की टॉप पांच खिलाडयि़ों में शामिल होना है। इसके अलावा हर खिलाड़ी की तरह मैं भी एक-दो ग्रैंड स्लैम अपने नाम करना चाहूंगी। पर मैं इस साल कम से कम एक जूनियर ग्रैंड स्लैम खिताब जीतने का प्रयास करूंगी।
किसी खिलाड़ी के निखरने में उसकी मेहनत और लगन तो जरूरी होती ही है, साथ ही उसका खर्चा उठाने के लिए प्रायोजक का होना भी जरूरी होता है। इस मामले में करमन लकी हैं जो उन्हें पिछली सितंबर में महेश भूपति के रूप में प्रायोजक मिल गया है। वह करमन को तैयार करने की योजना बनाने के अलावा उसका सारा खर्चा भी उठाते हैं। करमन को साढ़े तीन माह के यूरोपीय दौरे पर उन्होंने ही भेजा है। इससे पहले परीक्षाओं के दौरान महेश भूपति ने फि टनेस पर काम कराने के लिए मुंबई से फि जियो मैल्कम को भेजा था। सिरीफोर्ट कॉम्प्लेक्स में करमन की फि टनेस ट्रेनिंग के दौरान मैल्कम ने कहा कि हम आजकल उसे वेट ट्रेनिंग करा रहे हैं। हम उसकी पैरों और हाथों की मसल्स बनाने के लिए हाथों में 14 किलोग्राम और पैरों पर 15 किलोग्राम वजन लटका कर एक्सरसाइज कराते हैं। साथ ही उसके खाने पर भी विशेष ध्यान दे रहे हैं। हमारा प्रयास होता है कि उसे ज्यादा से ज्यादा प्रोटीन दें।Ó करमन आठ साल की उम्र से ही टेनिस खेल रही हैं। पहले वह वसंतकुंज के एक फ ार्म हाउस स्थित एक अकादमी में सीखने गई। पर जल्द ही उसकी मां रजनदीप उसे डीएलटीए में कोच विनोद के पास ले गई और उन्होंने उसे खेलते देखकर ही कह दिया था कि यह लड़की एक दिन जरूर कमाल करेगी। विनोद के कहने पर ही करमन को आदित्य सचदेवा के पास ले जाया गया और उनकी भी पहली प्रतिक्रिया विनोद जैसी ही थी। महेश भूपति ने करमन के साथ इस यूरोपीय दौरे पर कनाडाई कोच बॉबी महल को रखा है। इससे भी करमन बहुत तेजी से विकास कर रही हैं। अब जल्द ही उनके जूनियर स्तर पर धमाके करने की खबर आ सकती है।

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