वाशिंगटन। फ्लोरिडा के ट्रॉपिकल वेटलैंड से छोटे स्तनधारियों के विलुप्त होने के पीछे सबसे प्रमुख कारण वहां बर्मीज अजगरों का पाया जाना है। ये बर्मीज अजगर इन स्तनधारियों को अपना निशाना बना रहे है। इन अजगरों से छुटकारा पाने के लिए फ्लोरिडा वन्यजीव विभाग के अधिकारियों ने दो भारतीय सपेरों को नियुक्त किया है। इसके लिए बकायदा उन्हें अनुवादकों सहित 68,888 डॉलर भी दिए जा रहे हैं। तमिलनाडु निवासी इरुला समुदाय के 50 वर्षीय मासी सदाइयां और वैदिवेल गोपाल को भारत में सफल सपेरों की जमात में शामिल किया जाता है। हाल ही इन्हें दो अनुवादकों के साथ फ्लोरिडा लाया गया है। जो यहां पर खोजी कुत्तों के साथ काम करेंगे। इन दोनों सप्ताहभर में ही 16 फुट लंबी मादा अजगर सहित 13 अजगरों को पकड़ लिया। इनके कार्य को देख फ्लोरिडा फिश एंड विल्ड लाइफ कंजर्वेशन कमिशन के अधिकारी अचंभित हो गए। फ्लोरिडा विल्ड लाइफ प्रबंधन विभाग से जुड़ी क्रिस्टीन सोमर्स ने कहा, अपने देश में अजगरों को हटाने में इरुला काफी सफल रहे, उम्मीद हैं कि वे फ्लोरिडा में लोगों को अपनी क्षमताओं से से कुछ सीखा दें। हमारी भी योग्यता में और निखार आए इसके लिए हम अपने सहयोगियों के साथ काम कर रहे हैं। फरवरी माह तक वे अपना काम पूरा कर लेंगे।

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