जयपुर। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट ने राजस्थान सरकार पर किसानों की अनदेखी का आरोप लगाते हुए कहा कि नोटबंदी से किसान मुश्किल में है। सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी और बिजली नहीं मिल रही है, लेकिन सरकार किसानों की सुनवाई नहीं कर रही है। पायलट ने एक बयान में कहा कि हनुमानगढ के नोहर क्षेत्र के चौदह गांवों को सिंचाई से जोडऩे की मांग को लेकर गांव गोरखाना में पिछले दो दिनों में किसान पानी की टंकी पर चढ़े है। सर्दी में रातभर किसानों का इस तरह संघर्ष करना और उनकी सुनवाई नहीं होना सरकार की संवेदनहीनता को दर्शाता है। प्रदेश में भाजपा सरकार बनने के साथ ही किसानों से वादाखिलाफी शुरु हो गई। किसानों को मुआवजे, ऋण आदि से सरकार को वंचित रखा। खाद-बीज मांगने पर लाठियां भांजी है। किसानों को पर्याप्त बिजली और खेतों में बिजली के घरेलू कनेक्शन तक नहीं मिल पा रहे हैं। बीकानेर में सेम समस्या का समाधान नहीं किया। नहरों के कमांड एरिया को बढ़ाने का वादा भी पूरा नहीं किया। सिंचाई का पानी नहीं मिलने से किसानों की फसलें बर्बाद हो रही है। इस पर नोटबंदी ने किसानों का जीना मुश्किल कर दिया। एक महीने होने को आया, लेकिन नोटबंदी के चलते किसानों को रबी की फसल बुवाई के लिए खाद-बीज नहीं मिल रहा है। बुवाई नहीं होने से आगामी समय में खाद्य सुरक्षा पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा। आज भी लोग बैंकों और एटीएम के बाहर पैसों के लिए कतारों में खड़े हैं। नोटबंदी के फैसले से सबसे ज्यादा परेशानी किसानों को हो रही है।

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