American citizenship
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नयी दिल्ली: सरकार ने संसद की एक समिति को बताया है कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई अमेरिका के साथ भारत के द्विपक्षीय संबंध के मामले में एक महत्वपूर्ण तत्व बनकर उभरा है और दोनों देश इस मामले में करीबी समन्वयन के साथ कार्य कर रहे हैं ।विदेश मंत्रालय से जुड़ी संसद की एक समिति के प्रतिवेदन के अनुसार, ट्रंप प्रशासन ने इस क्षेत्र में भारत के साथ सहयोग मजबूत करने की दृढ़ इच्छा व्यक्त की है। अमेरिका ने 26 जून 2017 को सैयद सलाउद्दीन को विशेष तौर पर नामित वैश्विक आतंकी के तौर पर घोषित किया । दोनों देशों ने आतंकवादियों को नामित करने के उद्देश्य से एक परामर्श तंत्र का भी गठन किया है ।

सरकार ने बताया कि इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की जून 2017 में अमेरिका यात्रा के दौरान सहमति बनी थी । दोनों देश आतंकी संगठनों के बारे में नियमित रूप से सूचना साझा करके द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करने के लिये भी कार्य कर रहे हैं ।संसदीय समिति को अपने जवाब में सरकार ने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप ने 21 अगस्त 2017 को अफगानिस्तान और दक्षिण एशिया के लिये भी अपनी नई रणनीति की घोषणा की । हमने राष्ट्रपति ट्रंप की उस रणनीति का स्वागत किया है जो अफगानिस्तान में अमेरिका की उपस्थिति संबंधी प्रतिबद्धता को जारी रखेगा, भारत की भूमिका का सकारात्मक आकलन करेगा और पाकिस्तान को स्पष्ट तौर पर आतंकी समूहों का समर्थन बंद करने के लिये कहेगा ।सरकार ने कहा कि नई अमेरिकी रणनीति विचारों और हितों में हमारी बढ़ती घनिष्ठता को दर्शता है ।

रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार को इस बात की जानकारी है कि तथाकथित चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारा :सीपीईसी: को विकसित करने में चीन, पाकिस्तान की मदद कर रहा है । सीपीईसी भारतीय राज्य जम्मू और कश्मीर के पाकिस्तान द्वारा अवैध तौर पर कब्जा किये गए कुछ भागों से होकर गुजर रहा है । इसे चीन के वन बेल्ट वन रोड पहल के तहत चीन की महत्वकांक्षी परियोजना बताना भारत की सम्प्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के मुद्दे पर चीन की नासमझी को दर्शाता है।सरकार ने चीन को पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के हिस्से में उसकी गतिविधियों के बारे में अपनी चिंताओं से उच्चतम स्तर पर अवगत कराया है और उससे इन गतिविधियों को बंद करने के लिये कहा है ।

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