जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने डीजे कैडर भर्ती-2017 के मामले में याचिकाकर्ताओं को यह बताने को कहा है कि टोंक डीजे ने कितने अनुभव प्रमाण पत्र जारी किए और कितने प्रमाण पत्रों में कमी पाई गई। न्यायाधीश मनीष भंडारी की एकलपीठ ने यह आदेश विनोद कुमार मीणा व अन्य की ओर से दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए दिए।
याचिकाओं में कहा गया कि उन्होंने डीजे कैडर भर्ती-2017 में आवेदन किया था।
आवेदन पत्र के साथ डीजे टोंक की ओर से जारी वकालत का अनुभव प्रमाण पत्र भी पेश किया गया था, लेकिन उनके आवेदन पत्रों पर डीजे की मुहर लगना रह गई। जिसके चलते उन्हें भर्ती प्रक्रिया से बाहर कर दिया गया। याचिकाकर्ताओं ने हाईकोर्ट से उन्हें भर्ती प्रक्रिया में शामिल करने की गुहार की। जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने टोंक डीजे की ओर से जारी अनुभव प्रमाण पत्रों के संबंध में जानकारी पेश करने को कहा है।