नई दिल्ली। दिल्ली की आप सरकार ने दिल्लीवासियों के लिए एक बड़ी सौगात दी है। दिल्ली के जरूरतमंद मरीजों के लिए दिल्ली सरकार ने निशुल्क एमआरआई और सीटी स्कैन सुविधा की शुरुआत की है। दिल्ली में पिछले तीन साल से रहने वाले और सालाना तीन लाख रुपए से कम आमदनी वालों को यह सुविधा मिल सकती है। दिल्ली के अस्पतालों में मरीजों की लंबी लाइन को देखते हुए सात निजी लेबोरेट्री से भी दिल्लीवासी इस निशुल्क सुविधा का लाभ उठा सकते हैं। दिल्ली आरोग्य कोष की 11 जनरल बॉडी बैठक में इस संबंध में फेैसला लिया गया। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में ये फैसला हुआ कि दिल्ली के दस सरकारी अस्पताल, जीबी पंत अस्पताल, लोक नायक अस्पताल, जीटीबी अस्पताल, डीडीयू अस्पताल, डा.बीएसए अस्पताल, राजीव गांधी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल, जनकपुरी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल, इंस्टीट्यूट आड ह्यूमन बिहेवियर एंड एलाइड साइंस दिल्ली स्टेट केंसर इंस्टीट्यूट और चाचा नेहरू अस्पताल में इलाज करवाने वाले मरीजों को इस निशुल्क सुविधा का फ ायदा मिलेगा। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने बताया कि दिल्ली के अस्पतालों में मरीजों के एमआरआई और सीटी स्कैन की लंबी लाइनों को देखते हुए ये फैसला किया गया है। दिल्ली के कुछ अस्पतालों में पहले से निशुल्क एमआरआई और सीटी स्कैन की सुविधा उपलब्ध थी। लेकिन मरीजों की भारी भीड़ के कारण लंबे समय तक उनका नंबर नहीं आता था। कई मामलों में तो देखा गया कि मरीजों को तीन साल तक की डेट मिलती है, अगर उन्होंने आज आवेदन किया हो तो तीन साल बाद उनका नंबर आएगा। अब हुए फैसले के मुताबिक इन दस अस्पतालों में इलाज करवा कर रहे मरीजों को अगर सीटी स्कैन या एमआरआई की जरूरत होगी और उस अस्पताल में उनका नंबर आने में देरी होगी तो वो अस्पताल के स्वास्थ्य अधीक्षक या अधिकृत व्यक्ति से लिखवाकर दिल्ली की सात निजी लेबोरेट्री से एमआरआई और सीटी स्कैन करवा सकते हैं। दिल्ली आरोग्य कोश ने इन सभी निजी सेंटरों के साथ 30 नवंबर को समझौता किया है, जिसके तहत दिल्ली सरकार के इन दस अस्पतालों से रेफ र होने वाले मरीजों का निशुल्क एमआरआई और सीटी स्कैन किया जाएगा। दिल्ली सरकार का कहना है कि दिल्ली की बड़ी आबादी तीन लाख रुपए सालाना यानी पच्चीस हजार रुपए महीना से कम कमाते हैं। ऐसे में बड़ी संख्या में लोगों को इस फैसले से राहत मिलेगी। इन निजी सेंटरों को सीजीएचएस से अधिकृत नियम के मुताबिक भुगतान किया जाएगा।

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