नयी दिल्ली : माल एवं सेवा कर :जीएसटी: के क्रियान्वयन के बाद सौर परियोजनाओं की लागत में 10 से 12 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। अखिल भारतीय सौर उद्योग संघ :एआईएसआईए: ने आज यह जानकारी दी। संघ ने सरकार ने नई व्यवस्था में सौर बिजली उपकरणों पर कर के बोझ को कम करने की मांग की है। एआईएसआईए के महासचिव ज्ञानेश चौधरी ने राजस्व सचिव और अन्य वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों को भेजे पत्र में कहा है कि जीएसटी की वजह से सौर परियोजनाओं की लागत बढ़ गई है।
उन्होंने कहा कि सौर बिजली उत्पादन प्रणाली पर जहां पांच प्रतिशत का कर लगता है, वहीं माड्यूल माउंटिंग ढांचे, ट्रैकर, इन्वर्टर, ट्रांसफार्मर और केबल्स की खरीद आपूर्ति पर जीएसटी की दर भिन्न-भिन्न है। चौधरी ने पत्र में लिखा है कि इन उपकरणों पर जीएसटी अलग-अलग रूप में उनपर लागू कर के हिसाब से लगाया जाता है। उन्हें सौर बिजली उत्पादन प्रणाली का हिस्सा नहीं माना जाता। उन्होंने बताया कि जीएसटी से पूर्व की व्यवस्था में सौर मॉड्यूल पर किसी तरह का शुल्क नहीं लगता था। लेकिन एक जुलाई से जीएसटी लागू होने के बाद इन पर पांच प्रतिशतकी दर से कर लगाया जा रहा है। चौधरी ने कहा कि इन्वर्टर, केबल्स और ट्रांसफार्मर पर दो प्रतिशत का केंद्रीय बिक्री कर लगता था, इन पर उत्पाद शुल्क की छूट थी। जीएसटी के बाद इन पर 5 से 8 प्रतिशत की दर से कर लग रहा है। इसी तरह सेवाओं और निर्माण कार्य पर कर का प्रभाव बढ़कर 18 और प्रतिशत हो गया है, जो पहले क्रमश: 15 और छह प्रतिशत बैठता था।