जयपुर। प्रदेश की भाजपा सरकार का तीन वर्षों का कार्यकाल पूरी तरह से दिशाहीन रहा है। घोषणा पत्र में किये गये वादों के साथ ही गत् तीन सालों के बजट में किये गये समस्त दावे खोखले साबित हुए हैं। केन्द्र की भाजपा सरकार की तर्ज पर प्रदेश की भाजपा सरकार ने भी वास्तविक मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए सिर्फ नारे देने का काम किया हैं। भाजपा का गत् तीन वर्षों का कार्यकाल अपारदर्शी, गैर-उत्तरदायी तथा विपक्ष के प्रति द्वेषता से भरा रहा। बढ़ती महँगाई, भ्रष्टाचार व घोटालों में सरकार की लिप्तता ने प्रदेश की साख को बट्टा लगाने का काम किया है। कृषि व सहकारिता को कमजोर करने की नीति पर काम कर सरकार ने किसान व खेती की बदहाली को अंजाम दिया है।
राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सचिन पायलट ने उक्त विचार आज प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय पर आयोजित प्रेस वार्ता को सम्बोधित करते हुए व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि सुशासन, मेहनत और प्रदर्शन के मापदण्डों को दर-किनार कर मंत्रियों के विभाग बदलकर सरकार ने सिर्फ चेहरे बदलने का काम किया है। मुख्यमंत्री दावा कर रही है कि प्रदेश उनके शासन में आने के बाद से बीमारू श्रेणी से बाहर आ गया है। लेकिन यह नहीं बता पायी कि उन्होंने इसके संदर्भ में क्या किया, जबकि सच्चाई यह है कि प्रदेश में कुपोषण, बेरोजगारी बढऩे के साथ ही प्रदेश की विकास दर निरन्तर घटी है। भाजपा ने मंदिरों को तोडऩे के साथ ही गौ-वंश की अनदेखी कर उसे अकाल मौत दी है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कानून-व्यवस्था की स्थिति लचर है। भ्रष्टाचार व महँगाई चरम पर है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री का कार्यालय लोकायुक्त के दायरे से बाहर होने के कारण ललित मोदी प्रकरण की जाँच आज तक अंजाम तक नहीं पहुँची और ना ही खनन घोटाले में राजनैतिक जिम्मेदारी सुनिश्चित हुई। लोकायुक्त के लिए संसाधन व स्टाफ का नहीं होना भी भाजपा सरकार की अनियमितताओं को बढ़ावा देने की प्रवृत्ति का सूचक है। बिजली की दरों को 37 प्रतिशत बढ़ाकर प्रदेश की जनता पर आर्थिक बोझ डालने वाली भाजपा सरकार किसानों को वीसीआर के नाम पर लूट रही है। पायलट ने कहा कि मुख्यमंत्री ने संवैधानिक परम्पराओं के खिलाफ जाकर जातिगत राजनीति को बढ़ावा दिया है।
उन्होंने कहा कि रिसर्जेन्ट राजस्थान के माध्यम से 470 एमओयू का दावा करने वाली सरकार सिर्फ 16 एमओयू के क्रियान्वयन की बात कह रही है जो बताता है कि सरकार करोड़ो रुपये खर्च करने के बाद भी निवेश आमंत्रित करने में पूरी तरह से विफल रही है। उन्होंने कहा कि नोटबंदी से परेशान जनता को राहत दिलाने में सरकार पूरी तरह से विफल रही है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने दावा किया है कि उनके नेतृत्व में ही चुनाव लड़ा जायेगा। मुख्यमंत्री का यह दावा उनके व केन्द्रीय नेतृत्व के बीच में व्याप्त असामंजस्य को साफ प्रदर्शित कर रहा है। उन्होंने कहा कि भाजपा की सरकार के वादे, उनका क्रियान्वयन व विकास का नारा कागजों तक सीमित है।
भाजपा की कार्यप्रणाली के कारण उसकी उल्टी गिनती शुरू हो गई है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस शासन का एक वैकल्पिक मॉडल पेश करेगी जिसमें जनता की समस्याओं का राजनैतिक तौर पर सकारात्मक समाधान होगा। उन्होंने कहा कांग्रेस चाहे सत्ता में रहे या उससे बाहर हो, हमेशा जनता के प्रति उत्तरदायी रहती है परन्तु दुर्भाग्य है कि भारी बहुमत से जीती भाजपा ने भी जनता के प्रति अपनी जवाबदेही सुनिश्चित नहीं की है। इस अवसर पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट ने भाजपा सरकार की विफल कार्यप्रणाली से सम्बन्धित प्रपत्र जारी किया जिसमें भाजपा के सुराज संकल्प घोषणा में किये गये वादों की सच्चाई एवं भाजपा शासन की विफलताओं को रेखांकित किया गया है।