Gopalgarh violence and firing case: 4 accused dismissed bail

नई दिल्ली. दिल्ली हाईकोर्ट ने एक अविवाहित महिला को करीब 24 हफ्ते की प्रेग्नेंसी के बाद अबॉर्शन की इजाजत देने से इनकार कर दिया। 25 साल की अविवाहित महिला ने अबॉर्शन के लिए दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। कोर्ट ने कहा आप बच्चे को क्यों मार रहे हैं? बच्चे गोद लेने के लिए लोगों की बड़ी कतार है। कोर्ट ने कहा कि प्रेग्नेंसी के 20 हफ्ते बाद इसकी अनुमति नहीं दी जा सकती। महिला की प्रेग्नेंसी के 24 हफ्ते 18 जुलाई को पूरे हो जाएंगे। कोर्ट महिला को किसी सुरक्षित अस्पताल में भेजने और डिलीवरी कराकर लौटने का इंतजाम करेगा। चीफ जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा ने कहा- आपकी लोकेशन किसी को पता नहीं चलेगी। आप बच्चे को जन्म दें और वापस आ जाएं। इसका खर्च सरकार देखेगी, अगर सरकार ऐसा नहीं करती, तो मैं इसके लिए भुगतान करने के लिए तैयार हूं। महिला ने यह कहते हुए अदालत का दरवाजा खटखटाया था कि वह सहमति से प्रेग्ननेंट हुई है लेकिन बच्चे को जन्म नहीं दे सकती, क्योंकि वह अविवाहित है और उसके पार्टनर ने शादी करने से इनकार कर दिया है। महिला के वकील ने कोर्ट में यह दलील दी थी कि अविवाहित होने की वजह से महिला बच्चे को पालने के लिए शारीरिक, मानसिक और आर्थिक रूप से तैयार नहीं है। शादी के बिना बच्चे को जन्म देने से उसे बहुत ही ज्यादा मानसिक और शारीरिक पीड़ा होगी। वकील ने तर्क दिया कि यह महिला के लिए एक सामाजिक कलंक होगा और बच्चा भी नाजायज कहलाएगा।

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