नयी दिल्ली। कांग्रेस ने बड़े बकायादारों का कोई रिण माफ नहीं करने के वित्त मंत्री अरूण जेटली के दावे को लेकर उन पर पलटवार करते हुए कहा कि वह लोगों को ‘‘मूर्ख बना रहे हैं’’। पार्टी ने आरोप लगाया कि सरकार ने जानबूझकर रिण नहीं लौटाने वाले लोगों के 1.88 लाख करोड़ रूपये के रिण माफ किये हैं। कांग्रेस के प्रवक्ता अभिषेक सिंघवी ने सरकार पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पूंजीपति मित्रों के साथ सांठगांठ करने का आरोप लगाया जो पार्टी के अनुसार ‘‘काफी मजबूत’’ हैं जबकि आम आदमी ‘‘असहाय’’ महसूस कर रहा है। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मोदी सरकार ने चुनिंदा पूंजीपति समूह का रिण माफ कर उन्हें निरंतर मदद की है जबकि बैंकों में एनपीए (गैर निष्पादक आस्तियां) बढ़ रहे हैं। इससे बैंक जमाओं एवं सरकार के खजाने को जोखिम में डाला जा रहा है।’’ सिंघवी ने बैंकों के बड़े बकायादारों के रिण माफ नहीं करने के जेटली के दावों को गलत बताया और कहा कि सार्वजनिक स्तर पर उपलब्ध साक्ष्य इस दावे के विपरीत हैं। उन्होंने कहा कि पिछले तीन साल में भाजपा सरकार ने जानबूझकर रिण नहीं चुकाने वाले लोगों के 1,88,287 करोड़ रूपये का कर्ज पहले ही माफ कर चुकी है।
उन्होंने आंकड़े देते हुए कहा कि 2014-15 में 49,018 करोड़ रूपये, 2015-16 में 57,586 करोड़ रूपये और 2016-17 में 1.88 लाख करोड़ रूपये का कर्ज माफ किया गया। कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘तो फिर श्री जेटली यह कहकर कि कोई रिण माफ नहीं किया गया है 125 करोड़ भारतीयों की समझदारी का अपमान क्यों कर रहे हैं।’’ जेटली द्वारा घोषित 2.11 लाख करोड़ रूपये के बैंक पुन:र्पूंजीकरण योजना की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि इसमें न तो कोई रूपरेखा है और न ही कोई समयसीमा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस वित्त मंत्री द्वारा इसका खुलासा करने की प्रतीक्षा कर रही है। कांग्रेस ने वित्त मंत्री के इस दावे पर भी सवाल उठाया कि सबसे बड़े 12 बकाये वाले खातों की वसूली प्रक्रिया शुरूकी जा चुकी है। इन खातों से 1.75 लाख करोड़ रुपये की वसूली होनी है। उन्होंने कहा ‘‘हम सभी जानते हैं कि 50 बड़े उद्योगपतियों पर 8.35 लाख करोड़ रुपये का बैंक का बकाया है और इनमें से तीन बड़ी गुजरात स्थित कंपनियां हैं।