जयपुर। विकास के मुद्दे पर इन दिनों सियासी गलियारों में भाजपा कांग्रेस के नेता एक—दूसरे को बहस की चुनौती देते नजर आ रहे हैं। गृह मंत्री गुलाबचंद काटरिया, मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर, मेयर अशोक लाहोटी, कांग्रेस से अर्चना शर्मा बहस की चुनौती दे चुके हैं। वहीं पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को बहस की चुनौती देने के बाद सियासी पारा गरमा रहा है। अशोक गहलोत के बयान पर पलटवार करते हुए पंयाचतीराज मंत्री राजेन्द्र राठौड़ ने गहलोत को सदन से बाहर ही बयानबाजी करने वाला बयानवीर बताया है। राठौड़ ने कहा गहलोत तीन साल से सदन में बोले नहीं, सत्ता में रहते हुए भी गहलोत बोलते नहीं है, जो सदन में चुप्पी साधे रहते हैं, वो सदन के बाहर बयानवीर बनकर बहस की चुनौती दे रहे हैं। गहलोत अगर बहस करना चाहते हैं तो सदन में करें। वहीं कृषि मंत्री प्रभुलाल सैनी ने कहा कि जो सरकार विकास के मुद्दे पर विफल रही हो, वह पार्टी बहस की चुनौती दे रही है। कांग्रेस को विकास के नाम पर बहस करने का हक नहीं है। गली चौराहे, नुक्कड पर इस तरह बहस की चुनौती देने को कोई तुक नहीं है अच्छा हो गहलोत सदन में बहस करें।

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