बीएसएनएल झालावाड़ में 42.38 लाख रुपए के गबन का मामला, 6 मुकदमों में 9 आरोपियों के खिलाफ 17 साल बाद लगे चार्ज, कोर्ट ने कहा न्याय के पहिए अस्त-व्यस्त और जंग खाए हुए हैं
जयपुर। 1999 से 2००1 के दौरान बीएसएनएल, झालावाड़ में निविदाओं में गड़बड़ी करने, मेजरमेंट बुक में गलत इन्द्राज करने तथा ठेकेदारों को अधिक भुगतान कर बीएसएनएल को 42,37,654 रुपए की क्षति पहुंचाने के मामले में सीबीआई अदालत-दो में जज अरुण कुमार बेरीवाल ने 6 विभिन्न मुकदमों में 9 आरोपियों को चालान पेश होने के 17 साल बाद 7 जनवरी 2०19 को अब चार्ज आदेश दिए हैं।

मामले में सीबीआई ने 2००1 में एफआईआर दर्ज कर 1० जनवरी, 2००3 को चालान पेश किया था। चार्ज आदेश के लिए अदालत में 116 बार सुनवाई होने पर अदालत ने चार्ज आदेश में कहा कि न्याय के पहिए अस्त-व्यस्त और जंग खाए हुए हैं। अभियुक्तों में तत्कालीन टेलीकॉम डिस्टि्रक इंजीनियर राम प्रसाद राम, सब डिवीजनल इंजीनियर जगदीश प्रसाद नागर, कालू लाल लोधवाल मीणा व बद्रीलाल गौतम, जूनियर टेलीकॉम ऑफिसर विशाल पाण्डे व रमेश चन्द्र पाटीदार तथा ठेकेदार विक्रम सिंह खींची व उसके छोटे भाई की पत्नी भारती सिंह एवं अन्य ठेकेदार बसन्त कासट शामिल हैं।

सीबीआई ने उपरोक्त प्रकरण में अलग-अलग ठेकों में हुई गड़बड़ी को लेकर 6 मुकदमें दर्ज कर अलग-अलग चालान पेश किया था। टीडीई रामप्रसाद राम को कोर्ट ने 5 मुकदमों में दोषी माना है तथा एक में दोष मुक्त कर दिया। सीबीआई ने कोर्ट को बताया कि उपरोक्त कार्य तीन फर्मो को 98,7०,००9 रुपए का दिया गया था। अभियुक्तगण ने मिलकर फर्जी चट्टाने बताकर फर्जीवाड़ा किया और अधिक भुगतान किया। ना तो ब्लास्टिंग और ना ही चिसेलिंग की गई थी। ट्रेचेज श्रमिकों के द्बारा पिकएक्स तथा थावेल्स की सहायता से शारीरिक शक्ति में जमीन खोद कर कार्य किया गया था। उपरोक्त कार्य में ट्रेचिंग एचडीपीई/आरसीसी/जीआई पाईप बिछाना/ ओएफसी केबल सहित अन्य कार्य शामिल थ्ो। उपरोक्त फर्जीवाड़े की सीबीआई को 1० अप्रेल, 2००1 को सूचना मिली थी।

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