Motorcycle bomb blast
दार्जिलिंग। दार्जिलिंग और कालिम्पोंग में पिछले 24 घंटों में दो बड़े बम विस्फोटों के बाद उत्तरी पश्चिम बंगाल की पहाड़ियों के सभी पुलिस थानों को हाई अलर्ट पर कर दिया गया है। एक अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी। कालिम्पोंग के पुलिस अधीक्षक अजीत सिंह यादव ने बताया,  सभी पुलिस स्टेशनों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। संघर्ष प्रभावित इलाकों में सुरक्षा बलों द्वारा वही रणनीति अपनाई जा रही है जो विद्रोहियों से निपटने के लिए अपनाई जाती है। उन्होंने कहा, पुलिस को नए प्रकार के हथियार दिए गए हैं।
शनिवार रात कालिम्पोंग पुलिस स्टेशन के बाहर एक विस्फोट में नागरिक स्वयंसेवक राकेश रावत की मौत हो गई थी और होमगार्ड का एक व सीमा सशस्त्र बल (एसएसबी) का एक जवान घायल हो गया था।  यह विस्फोट दार्जिलिंग शहर में हुए विस्फोट के 24 घंटे से भी कम समय में हुआ, जिससे कुछ दुकानों को क्षति पहुंची थी और तनाव बढ़ गया था। अधिकारी ने कहा, कालिम्पोंग में उच्च तीव्रता वाले विस्फोटक का इस्तेमाल किया गया था। कालिम्पोंग के जिलाधिकारी विश्वनाथ ने कहा कि दंड संहिता की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा का आदेश 10 अगस्त के बाद से एक महीने के लिए लागू किया गया है। उन्होंने कहा कि पुलिस सुरक्षा के लिए अतिरिक्त उपाय कर रही है।
विश्वनाथ ने आईएएनएस को बताया, 10 अगस्त से 10 सितंबर तक कालिम्पोंग की सभी सरकारी संपत्तियों के 100 मीटर के दायरे में धारा 144 लगाई गई है। पुलिस ने भी विस्फोट के बाद अतिरिक्त सुरक्षा कदम उठाए हैं। पर्यटन मंत्री गौतम देव ने भी बम धमाकों की निंदा की और दावा किया कि विस्फोटक देश से बाहर से लाए गए थे। उन्होंने कहा कि सभी को राजनीतिक मतभेदों को अलग रखना चाहिए और उत्तर बंगाल की पहाड़ियों में सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक साथ आना चाहिए, जो पड़ोसी देशों के पास स्थित है। दोनों विस्फोट गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) द्वारा पृथक गोरखालैंड की मांग के साथ किए जा रहे अनिश्चितकालीन बंद के 69वें दिन हुआ।
पुलिस ने कहा कि दार्जिलिंग में विस्फोट एक इम्प्रोवाइज्ड विस्फोटक उपकरण (आईईडी) से हुआ था और जिसके कारण इसका प्रभाव व्यापक क्षेत्र में महसूस किया गया। इस विस्फोट को लेकर जीजेएम के अध्यक्ष बिमल गुरुंग सहित मोर्चे के तीन नेताओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। जीजेएम नेतृत्व ने हालांकि इन आरोपों को खारिज करते हुए दावा किया यह विस्फोट उन्होंने किया है जो गोरखालैंड नहीं बनने देना चाहते हैं। जीजेएम ने रविवार को कालिम्पोंग पुलिस थाने के बाहर की टेलीविजन फुटेज को सार्वजनिक करने की मांग की।

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