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नयी दिल्ली : कैनवास पर उतारी गई उस कलाकार की कला दूर से देखने पर लकड़ी पर की गई नक्काशी जैसी लग सकती है। लेकिन कलाकार शेखर जोशी इसके लिए न तो ब्रश का इस्तेमाल करते हैं न ही छैनी का।उत्तराखंड का यह कलाकार अपनी कला की रचना के लिए नाखूनों को औजार के तौर पर इस्तेमाल करता है।वे अपने नाखूनों की मदद से प्रसिद्ध शख्सियतों की तस्वीरें, कुतुब मीनार जैसे वास्तुशिल्प आश्चर्यों को कैनवास पर उतारते हैं।पिछले दो साल में बनाई गई उनकी 56 कलाकृतियों के संग्रह को दिल्ली के ऑल इंडिया फाइन आर्ट्स एंड क्राफ्ट्स सोसायटी में एक प्रदर्शनी में देखा जा सकता है। प्रदर्शनी कल समाप्त हो जाएगी।

जोशी (56) ने कहा, “ नाखूनों से कलाकृति उकेरने की इस कला प्रति मैंने खुद को समर्पित कर दिया है और बीते करीब 25 वर्षों से यह करता आ रहा हूं। मैं कैनवास पर बोलती हुई तस्वीरें बनाना चाहता हूं, इसलिए मैंने अभिव्यक्ति का यह रूप चुना।” परंपरागत शैली में तस्वीरें बना लेने में भी दक्ष शेखर का कहना है कि उन्होंने ब्रश का इस्तेमाल करना लगभग छोड़ दिया है।उन्होंने बताया, “मेरे काम का 85 प्रतिशत हिस्सा नाखूनों के जरिए बनाई गई कला है, लेकिन मैं ऑयल और एक्रिलिक पेंटिंग भी करता हूं। मैं अब इस कला रूप के लिए अपने आप को पूरी तरह समर्पित करना चाहता हूं।” जोशी नैनीताल की कुमाऊं यूनिवर्सिटी में विजुअल आर्ट के प्राध्यापक हैं।

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