जयपुर। पीएम नरेन्द्र मोदी के केबिनेट विस्तार में राजस्थान के जोधपुर से सांसद गजेन्द्र सिंह को मंत्रीमण्डल में शामिल किया गया है। अगले साल विधानसभा चुनाव को देखते हुए राजस्थान को एक मंत्री पद दिया गया, ताकि राजनीतिक रुप से एक मैसेज दिया जा सके। लेकिन पार्टी के अंदरखाने यह चर्चा है कि गैंगस्टर आनन्दपाल सिंह के एनकाउंटर के बाद प्रदेश में उपजे हालात और भाजपा के वोटर राजपूत समाज की नाराजगी को देखते हुए गजेन्द्र सिंह को मंत्री बनाया गया है। वैसे राजस्थान से ओर भी सांसद मंत्री बनने की कतार में थे, जिनमें सांसद ओम बिरला, राज्यसभा सांसद भूपेन्द्र यादव, उत्तरप्रदेश में पार्टी को जीत दिलाने वाले राजस्थान के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद ओमप्रकाश माथुर मंत्री के नाम प्रमुखता से आगे चल रहे थे, लेकिन प्रदेश की राजनीतिक स्थिति और विधानसभा चुनाव को देखते हुए पार्टी ने राजपूत सांसद को मंत्री बनाना का निश्चय किया, ताकि नाराज चल रहे राजपूत समाज को शांत किया जा सके। क्योंकि करीब चालीस विधानसभा सीटों और आधा दर्जन लोकसभा सीटों पर राजपूत समाज की बहुलता है।
आनन्दपाल एनकाउंटर के बाद राजपूत समाज में जबरदस्त गुस्सा है, जो अभी भी कायम है। इसी गुस्से को शांत करने के लिए गजेन्द्र सिंह को मंत्री बनाए जाने के संदर्भ में देखा जा रहा है, हालांकि इसके अलावा सांसद गजेन्द्र सिंह की स्वच्छ छवि और सादगी भी मंत्री पद में सहायक बनी। जोधपुर संभाग में पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ जनता में भी अच्छी इमेज है। विद्यार्थी परिषद और युवा मोर्चा में पदाधिकारी रहते हुए उनके सराहनीय कार्य रहे। इन खूबियों को देखते हुए पार्टी ने उन्हें मंत्री पद के लिए चुना है।
– समाज ने भाजपा को बहुत कुछ दिया, सरकार गंभीर नहीं
आनन्दपाल एनकाउंटर मामले में अगुवा रहे राजपूत समाज के नेताओं का कहना है कि आनन्दपाल एनकाउंटर के बाद से समाज में भाजपा और सरकार के प्रति गुस्सा फूटा, जो अब भी कम नहीं हुआ है। समाज की मांगे अभी तक पूरी नहीं हुई है। आनन्दपाल ही नहीं जैसलमेर के चतुर सिंह हत्याकाण्ड और राजपूत समाज की दूसरी मांगों को लेकर भी सरकार गंभीर नहीं दिखी, जिसके चलते समाज का पार्टी से मोह भंग हो रहा है। यह भाजपा की सोच है कि सांसद गजेन्द्र सिंह को मंत्री पद देने से समाज की नाराजगी दूर हो जाएगी। समाज ने भाजपा को बहुत कुछ दिया है। अब सरकार और पार्टी की बारी है। अगर वह नहीं सोचती है तो समाज भी साथ नहीं आएगा।