जयपुर। राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता एवं जयपुर जिलाध्यक्ष प्रतापसिंह खाचरियावास ने कहा कि राज्य सरकार ने 1 अप्रेल से स्टाम्प ड्यूटी पर 20 प्रतिषत अतिरिक्त टैक्स लगाकर प्रदेश की जनता की कमर तोड़ दी है। राज्य सरकार ने 1 अप्रेल से आधारभूत सुविधाओं के नाम पर 10 प्रतिषत तथा गौ-संरक्षण के नाम पर 10 प्रतिशत टैक्स लगाया है। इस तरह 20 प्रतिषत टैक्स अचानक प्रदेश की जनता पर लाद दिया गया है। राज्य सरकार प्रतिवर्ष लगभग पांच हजार करोड़ रूपये स्टाम्प ड्यूटी के जरिये प्राप्त करती है जिस पर 20 प्रतिषत टैक्स बढ़ा देने से प्रदेश की जनता पर प्रतिवर्ष एक हजार करोड़ रूपये का अतिरिक्त भार बढ़ेगा। राज्य सरकार ने एक प्राईवेट कंपनी स्टाॅक होल्डिंग कार्पोरेषन आॅफ इंडिया को बीच में स्टाम्प ड्यूटी बिकने पर कमीशन प्राप्त करने के अधिकार दे दिये हैं जो सीधे-सीधे भ्रष्टाचार है। अब वेण्डर सीधे कंपनी के जरिये स्टाम्प खरीदकर बेचेगें तो 0.65 प्रतिशत पैसा राज्य सरकार द्वारा कमीषन के रूप में लगभग 33 करोड़ रूपये सालाना स्टाॅक होल्डिंग कार्पोरेषन आॅफ इंडिया कंपनी को देना पड़ेगा। खाचरियावास ने कहा कि स्टाॅक होल्डिंग कार्पोरेशन आॅफ इंडिया को बिचैला बनाने की कोई आवशष्यकता नहीं थी, यह सीधे-सीधे भ्रष्टाचार का मामला है। राज्य सरकार ने अचानक मंदी के दौर में स्टाम्प ड्यूटी पर 20 प्रतिषत टैक्स लगाकर प्रदेश की जनता की पीठ में खंजर घोपा हैं। इससे पहले 8 मार्च 2016 को राज्य सरकार ने षपथ पत्र बनाने के लिये दस रूपये के स्टाम्प की कीमत बढ़ाकर पचास रूपये कर दी थी तथा एग्रीमेंट के लिये सौ रूपये के स्टाम्प की कीमत बढ़ाकर पांच सौ रूपये कर दिया था। अब 1 अप्रेल 2017 से 20 प्रतिषत टैक्स बढ़ा देने से बाजार में इसका सीधा भार आम आदमी पर पड़ेगा तथा स्टाम्प महंगे हो जाने से बाजार में बिकने वाली प्रत्येक वस्तु तथा कार्य महंगे हो जायेगें। राज्य सरकार पूर्व में पेट्रोल-डीजल, गैस, सीवरेज षुल्क, पानी-बिजली, सफाई सहित सभी तरह की जन-सुविधाओं पर भारी टैक्स वसूल कर रही है, इसके बावजूद राज्य सरकार ने स्टाम्प ड्यूटी पर 20 प्रतिषत टैक्स चोर दरवाजे से अचानक प्रदेष की जनता पर थोप दिया है। यह सीधे-सीधे लोकतंत्र का अपमान है। यदि राज्य सरकार को स्टाम्प ड्यूटी पर 20 प्रतिषत टैक्स लगाना था तो विधानसभा सत्र के दौरान प्रस्तुत बजट में स्टाम्प ड्यूटी पर 20 प्रतिशत टैक्स का प्रावधान किया जाना चाहिये था।