वॉशिंगटन। अमेरिकी विदेश विभाग के एक अधिकारी ने कहा है कि भारत से जुड़ी नीति को लेकर दिए गए अपने पहले भाषण में विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन ने भारत और अमेरिका के बीच अगले 100 साल के रिश्तों की दशा और दिशा तय कर दी है । उन्होंने कहा कि टिलरसन के इस संबोधन के कई श्रोता हैं जिनमें चीन भी शामिल है । अधिकारी ने पत्रकारों को बताया, ‘‘निश्चित तौर पर चीन इस संबोधन का एक श्रोता है । लेकिन यह ऐसा भाषण है जिसके बारे में हम उम्मीद करते हैं कि भारत-प्रशांत क्षेत्र के सभी देश इसे गंभीरता से लेंगे ।
’’ टिलरसन के संबोधन के बाद अधिकारी ने यह टिप्पणी की । अमेरिकी विदेश मंत्री ने अपने संबोधन में भारत को अमेरिका के लिए एक अवसर करार दिया है । इस बीच, टिलरसन ने कहा कि एक स्थायी और शांतिपूर्ण अफगानिस्तान से भारत और पाकिस्तान के रिश्तों के लिए बेहतर स्थिति बनाने में मदद मिलेगी । उन्होंने युद्ध प्रभावित अफगानिस्तान में अमेरिकी उद्देश्यों को हासिल करने के लिए भारत और पाकिस्तान को अहम बताया । अमेरिका के शीर्ष थिंक टैंक सीएसआईएस में भारत से जुड़ी नीति पर अपने संबोधन में टिलरसन ने कहा कि एक बार ‘‘स्थिर और शांतिपूर्ण अफगानिस्तान’’ का उद्देश्य पूरा हो जाए तो पाकिस्तान की भविष्य की स्थिरता पर मंडराने वाले बड़े खतरे भी खत्म हो जाएंगे, जिससे भारत और पाकिस्तान के रिश्तों के लिए बेहतर स्थिति पैदा हो सकेगी ।