नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को बिहार के पत्रकार राजदेव रंजन हत्याकांड मामले में तीन महीने में अनुसंधान पूरा करने के आदेश दिए हैं। कोर्ट ने आरोपी की जमानत देने से इनकार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि आरोपी को हत्या के मामले में आरोप पत्र दायर नहीं होने के आधार पर जमानत नहीं मांगनी चाहिए। इस मामले में बिहार सरकार के सरकारी वकील ने सुप्रीम कोर्ट में बिहार सरकार में मंत्री और राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के बेटे तेज प्रताप यादव का बचाव करते हुए कोर्ट को अवगत कराया कि तेज प्रताप के साथ आरोपी की फ ोटो तब सामने आई जब उनके खिलाफ कोई गैर जमानती वारंट जारी नहीं हुआ था। वहीं तेज प्रताप यादव की तरफ से कहा गया कि उन्होंने पत्रकार के हत्या आरोपी से गुलदस्ता लिया था लेकिन वह हत्या में शामिल नहीं है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट अगली सुनवाई 28 नवंबर को करेगा। गौरतलब है कि पत्रकार राजदेव रंजन की पत्नी आशा रंजन ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर इस मामले की सुनवाई बिहार से बाहर करने की मांग की है। इतना ही नहीं बिहार के स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप यादव पर हत्यारों को संरक्षण देने और राजद के पूर्व सांसद शहाबुद्दीन पर हत्या की साजिश रचने के साथ हत्यारों को बचाने और उन्हें संरक्षण देने का आरोप लगाया था। इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट ने शहाबुद्दीन, तेज प्रताप यादव, सीवान पुलिस और बिहार सरकार को नोटिस जारी किया था। बिहार सरकार का जवाब इसी संदर्भ में आया है।

LEAVE A REPLY