ब्रिस्टल। महिला विश्व कप में भारत का अगला मुकाबला उस ऑस्ट्रेलियाई टीम से है, जो छह बार की विश्व चैम्पियन है। हालांकि दोनों टीमों को अपने पिछले मुकाबलों में हार का सामना करना पड़ा है, लेकिन इस हाई वोल्टेज मुकाबले में रोमांच अपने पूरे शबाब पर होगा। ऑस्ट्रेलियाई टीम भारत की ताकत से वाकिफ है, जिसने उसे उसी के घर में 2009 के विश्व कप में दो बार हराया था। वैसे ऑस्ट्रेलियाई टीम भी भारत को विश्व कप में कुल आठ बार हरा चुकी है। यह मुकाबला यहां के काउंटी ग्राउंड पर बुधवार को खेला जाएगा। 2009 का विश्व कप ऑस्ट्रेलिया में ही हुआ था, जहां मौजूदा टीम में शामिल मिताली राज, झूलन गोस्वामी, पूनम राउत और हरमनप्रीत कौर उस टीम की सदस्य थीं। ऑस्ट्रेलिया एक ऐसी टीम है जिसके खिलाफ पहली गेंद से आक्रमण करने से कम में बात नहीं बनती। तब टीम की सलामी बल्लेबाज और विकेटकीपर अनाग देशपांडे ने शानदार कट और पुल से ऑस्ट्रेलियाई आक्रमण को ध्वस्त कर दिया था। अंजुम चोपड़ा शानदार 76 रन बनाकर मैच की सवज़्श्रेष्ठ खिलाड़ी साबित हुई थीं। इस मैच में स्मृति मंधाना और मिताली राज के आक्रामक खेल की जरूरत है। वहीं कप्तान मिताली पर खास तौर पर सबकी नजरें रहेंगी। वह 34 रन बनाने के साथ वनडे क्रिकेट इतिहास में सबसे अधिक रन बनाने का विश्व रिकॉडज़् अपने नाम कर लेंगी। पिछली पारी में वह अपने करियर में पहली बार शून्य पर आउट हो गई थीं। इस समय झूलन के नाम विश्व क्रिकेट में सबसे अधिक विकेट का रिकॉर्ड दर्ज है। वनडे क्रिकेट इतिहास में भी यह पहली घटना होगी, जब सबसे अधिक रन बनाने वाली और सबसे अधिक विकेट लेने वाली खिलाड़ी एक ही टीम से होंगी।भारत पांच में से तीन मुकाबलों में टॉस जीतनें में सफल रहा है। अब दुनिया की नम्बर एक टीम के खिलाफ अगर किस्मत ने उसका साथ दिया तो वह टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करना चाहेगा। भारत के पिछले साल के ऑस्ट्रेलियाई दौरे में स्मृति मंधाना और मिताली ने दूसरी सबसे बड़ी साझेदारी करते हुए 150 रन जोड़े थे। हरमनप्रीत को बतौर टीम की अनुभवी हरनफनमौला खिलाड़ी के तौर पर अपनी उपयोगिता साबित करनी होगी।

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