इस अवसर पर अपने संबोधन में उपराष्ट्रपति महोदय ने कहा कि इस तरह की पहल से न केवल सर्वश्रेष्ठ प्रतिभाओं को जानने में सहायता मिलेगी अपितु सभी आवेदकों को एक स्तरीय खेल क्षेत्र प्राप्त होगा तथा प्रतिस्पर्धात्मक वातावरण भी बनेगा। उन्होंने कहा कि खेल राष्ट्र निर्माण प्रक्रिया का एक अभिन्न भाग है। क्योंकि खेल वैयक्तिक विकास, सामुदायिक विकास, सामाजिक सहभागिता और आर्थिक विकास के संदर्भ में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। किसी देश को खेल शक्ति बनने के लिए एक सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण तथ्य है सही प्रतिभा की पहचान करना और उसका विकास करना। विश्व में कुल आबादी का सातवाँ हिस्सा हमारे देश में निवास करता है। और यहां विशेष रूप से 450 मिलियन युवाओं में प्रतिभा का कोई अभाव नहीं है। श्री नायडू ने कहा कि वास्तव में तो हमारे देश में अत्यधिक प्रतिभाएं मौजूद हैं परन्तु इन्हें उपयोग में लाने के लिए प्रतिभाओं को सहायता देने और आगे बढ़ाने एवं विश्व चैम्पियन बनने के लिए हमें प्रतिभाओं को पहचानने और उनमें वृद्धि करने हेतु एक व्यापक व्यवस्था बनानी पड़ेगी।
उन्होंने आगे कहा कि राष्ट्रीय खेल प्रतिभा खोज पोर्टल का प्लेटफॉर्म युवा मामलों और खेल मंत्रालय तथा भारतीय खेल प्राधिकरण द्वारा सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी का चयन करने में अत्यधिक महत्त्वपूर्ण होगा। इस बड़ी पहल के लिए श्री विजय गोयल को बधाई देते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि यह पोर्टल देश में उपलब्ध सर्वश्रेष्ठ खेल प्रतिभाओं को आकर्षित करने में मील का पत्थर साबित होगा। यह प्लेटफॉर्म सही खिलाड़ी का चयन करने के लिए एक तीव्र एवं पारदर्शी तंत्र प्रदान करेगा।