नयी दिल्ली. भाजपा महासचिव राम माधव ने कथित हिंसा के कारण त्रिपुरा में विधानसभा सीट पर चुनाव नहीं लड़ने के माकपा के निर्णय को आज‘ अपनी पराजय और लोगों तक पहुंचने में अपनी अक्षमता को छिपाने’ की बहानेबाजी की कोशिश करार दी।
उत्तरपूर्व राज्यों में पार्टी के लिए अहम भूमिका निभाने वाले और त्रिपुरा एवं नगालैंड में पार्टी के शिल्पी समझे जाने वाले ने विधानसभा चुनाव में भाजपा की जोरदार जीत के बाद राज्य में हिंसा के वामदलों के दावे को भी खारिज कर दिया और कहा कि यह कुछ नहीं बल्कि एक पीड़ित व्यक्ति बनने का प्रयास है। उन्होंने कहा कि जब से भाजपा की सरकार ने कमान संभाली है राज्य में पूरी तरह शांति है।
माधव ने‘ पीटीआई भाषा’ को बताया, ‘‘ माकपा ने अपना प्रत्याशी वापस ले लिया और उसने दावा किया कि यह हिंसा के कारण है जो पूरी तरह गलत है। त्रिपुरा में अब लोगों तक नहीं पहुंच पाने के कारण अपनी अक्षमता छुपाने की बहानेबाजी का प्रयास है। उनके प्रत्याशी ने पहले ही चुनाव नहीं लड़ने का निर्णय लिया था। अब वे पीड़ित दिखाने के लिए यह सब कर रहे हैं।।’’ उन्होंने कहा कि यह उनकी हार को छिपाने का एक प्रयास है।