जोधपुर। मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने कहा कि पूज्य तनसिंह ने हमेशा सच्चे क्षत्रिय का धर्म निभाया। आज जब भी हम उनका स्मरण करते हैं, हमारे जेहन में एक ऐसे इंसान की तस्वीर उभर आती है जिसने मसीहा बनकर समाज की सेवा की। राजे बुधवार को जोधपुर के बीजेएस स्कूल स्टेडियम में तनसिंह जयन्ती समारोह में उपस्थित हजारों लोगों को सम्बोधित कर रही थीं। पूज्य तनसिंह गुणों की खान थे। वे क्षत्रिय समाज के लिए एक उच्च आदर्श थे। इसलिए आज उनकी 93वीं जयन्ती पर उनको श्रद्धांजलि देने के साथ-साथ हम सबको यह प्रण लेना चाहिए कि हम उनके बताए रास्ते पर चलेंगे।  तनसिंह एक समाज सेवी, अध्यात्मिक व गंभीर विचारक, पत्रकार और साहित्यकार भी थे। उन्होंने 22 दिसम्बर, 1946 को उन्होंने मलसीसर हाउस में श्री क्षत्रिय युवक संघ की विधिवत स्थापना की। तब से ही श्री क्षत्रिय युवक संघ समाज को नई दिशा देने में जुटा हुआ है। उन्होंने महिलाओं के सम्मान और उनकी रक्षा को भी क्षत्रिय धर्म बताया। 36 की 36 कौमों और सभी मजहबों को गले लगाना क्षत्रिय धर्म है। संस्कार, स्वाभिमान, समर्पण और करुणा का भाव क्षत्रियों की पहचान है। क्षत्रिय समाज एक ऐसा समाज है जिसने जाति-धर्म से ऊपर उठकर इंसानियत की सेवा की है, जिसने स्वाभिमान के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर किया है और हमेशा चुनौतियों का सामना करना सिखाया है।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर अपनी माताजी श्रीमती विजया राजे सिंधिया की पुण्यतिथि पर उन्हें याद करते हुए कहा कि उन्होंने पर्दा प्रथा जैसी सामाजिक कुरीतियों को तोड़ने की हिम्मत दिखाई। उन्होंने महिलाओं को मुख्य धारा में लाने के लिए बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने का महत्वपूर्ण काम किया। इस अवसर पर क्षत्रिय युवक संघ के प्रमुख भगवान सिंह रोलसाहब सर ने कहा कि तनसिंह के सिद्धान्तों और दर्शन को समझना एक कठिन कार्य है। आज श्री क्षत्रिय युवक संघ के माध्यम से हजारों युवा समाज के लिए कठिन से कठिन दायित्व निभाने को तत्पर हैं। इस अवसर पर तनसिंह जी की तस्वीर पर मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे, केन्द्रीय राज्यमंत्री पीपी चैधरी, मंत्री राजेन्द्र राठौड़, गजेन्द्र सिंह खींवसर, सुरेन्द्र गोयल, राज्य बीज निगम के अध्यक्ष शम्भूसिंह खेतासर, जोधपुर मेयर घनश्याम ओझा, सांसद, विधायक एवं क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों ने पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।

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  1. अच्छा लेख। धन्यवाद janprahari.समाचार पत्र। धन्यवाद राकेश शर्मा जी

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