नई दिल्ली। गुरमीत राम रहीम अभी फिलहाल जेल में बंद है लेकिन उसने जेल जाने से बचने के लिए क्या-क्या योजना बना रखी थी और क्या करना चाहता था यह बात शायद लोगों को पता नहीं है। जीं हां गुरमीत राम-रहीम ने सजा सुनाए जाने के बाद फरार होने की साजिश रची थी, मगर पुलिस की सजगता और दूरदर्शिता से वह भाग नहीं सका और पुलिस ने उसके मंसूबो पर पानी फेर दिया जिस कारण राम रहीम अब जेल की हवा खा रहा है। राम रहीम को पिछले हफ्ते दुष्कर्म मामले में पंचकूला स्थित सीबीआई की विशेष अदालत द्वारा दोषी करार दिया गया था। उसको भी पहले से अंदाजा लग गया था कि वह दोषी करार दिया जाएगा। इसलिए उसने फरार होने की एक साजिश रची थी।

अदालत से बाहर आने के बाद अपनी गोद ली हुई बेटी हनीप्रीत से ‘लाल बैग’ मांगना इसी साजिश का हिस्सा था, जिसे सिरसा लाया गया था। ‘लाल बैग’ मांगने का मतलब यही था कि वह दोषी करार दिया गया है और यह संदेश उसके समर्थकों-सुरक्षाकर्मियों तक पहुंचा दिया जाए। समर्थक हिंसा पर उतारूं हों और हंगामा करें ताकि वह इसका लाभ उठाकर फरार हो जाए। पुलिस महानिरीक्षक केके राव ने राम रहीम की इस साजिश के बारे में खुलासा किया। उन्होंने बताया कि डेरा प्रमुख ने यह कहते हुए लाल बैग मांगा कि उसमें उसके कपड़े हैं। मगर यह असल में उसकी ओर से अपने लोगों को किया गया एक इशारा था कि वे उसके समर्थकों में उसे दोषी ठहराए जाने की खबर फैला दें, ताकि वे उपद्रव पैदा कर सकें। राव ने कहा कि जब गाड़ी से बैग बाहर निकाला गया तो करीब दो-किलोमीटर दूर से आंसू गैस के गोले दागे जाने की आवाजें सुनाई देने लगीं। तभी हमें बात समझ आ गई कि इस इशारे के पीछे कोई मतलब है। उन्होंने कहा कि वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों का संदेह उस वक्त और गहरा गया, जब गुरमीत और हनीप्रीत पंचकूला अदालत परिसर के गलियारे में काफी लंबे समय तक खड़े रहे, जबकि उन्हें वहां खड़ा नहीं होना था।

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