– करोड़ों बहनों की रक्षा के लिए शहीद हुए हमारे भाई
सीकर. रक्षाबंधन के पर्व पर आज वीरों की भूमि कही जाने वाले सीकर में शहीद स्मारकों पर सुबह से भीड़ है। कारण है शहीद भाइयों को उनकी बहनें राखियां बांधने आ रही है। हालांकि बहनें राखी बांधते हुए मायूस होती है लेकिन उन्हें अपने भाइयों की शहादत पर गर्व है। इन शहीदों की बहनों का कहना है कि उनके भाई उनके लिए अमर है। सीकर के गणेश्वर इलाके के सालावाली गांव के शहीद गोकुल चंद यादव की बहन सुनीता और कविता ने शहीद प्रतिमा को राखी बांधी। शहीद की बड़ी बहन सुनीता हर साल नाहरेड़ा से गणेश्वर आती है। अपने शहीद भाई को रक्षाबंधन व भाई दूज पर प्रतिमा पर रक्षासूत्र बांधती हैं। शहीद गोकुल चंद यादव 13 अप्रैल 2016 में असम राइफल में आतंकियों से लोहा लेते शहीद हो गए थे। शहीद की प्रतिमा गणेश्वर के पंचायत भवन के पास बनी हुई हैं।
शहीद की बड़ी बहन सुनीता और छोटी बहन कविता का कहना है कि उनके भाई ने देश रक्षा के लिए और करोड़ों बहनों की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी है। ऐसे में उनका भाई अमर है। उनके लिए वह आज भी जिंदा हैं और हमेशा ही जिंदा रहेंगे। वे हर राखी पर गांव आकर शहीद की प्रतिमा की कलाई पर राखी बांधकर याद करती हैं। इस मौके पर वीरांगना पिंकी यादव, नरेश यादव, सुनील यादव, बेटा भूपेंद्र, इशांत, दक्ष,बेटी प्रियांशी यादव मौजूद थे।
सीकर की शिवसिंहपुरा स्थित जिला जेल में भी यह त्यौहार मनाया जा रहा है। जहां जेल में बंद करीब ढाई सौ कैदियों की बहने उन्हें राखी बांधने के लिए जेल में जा रही है। पुलिस सुरक्षा के बीच बहनें अपने भाइयों को राखी बांध रही है। बहनों और जेल प्रशासन का मानना है कि इससे कैदियों में सकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव आएगा। जेलर पृथ्वी सिंह कविया ने बताया कि विभाग के द्वारा जारी गाइडलाइन के मुताबिक जेल में रक्षाबंधन का त्यौहार मनाया जा रहा है। जहां जेलों में बंद कैदियों को उनकी बहने राखी बांधने के लिए आ रही है। कड़ी सुरक्षा के बीच राखियां बांधी जा रही है। पृथ्वी सिंह ने बताया कि वर्तमान में जेल में ढाई सौ कैदी बंद है। जिन्हें आज उनकी बहने राखी बांधेगी।

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