जयपुर। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि तीन साल तक उपेक्षा करने के बाद मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने अब जोधपुर का रूख किया है, उन्हें इसके लिए क्षेत्र की जनता से माफी मांगनी चाहिए। गहलोत ने प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में आज एक कार्यक्रम में शिरकत करने के बाद मीडियाकर्मियों से बातचीत करते हुए दुख के साथ कहा कि जोधपुर क्षेत्र में अब तक ना तो मुख्यमंत्री के दौरे हुए, ना ही कोई काम हुए, जो काम हमने चालू किये थे उनमें से अधिकांश ठप्प कर दिये गये। अब जो उद्घाटन कर रही हैं वो काम भी हमने शुरू किये थे। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि लगता है कि मुख्यमंत्री को आभास हो गया है कि प्रदेश में अब हालात बहुत खराब है। इस अहसास के चलते ही मंत्रिमण्डल का पुनर्गठन किया और बोर्ड कारपोरेशन भी बने। इतिहास में पहली बार सरकार ने यह भी बताया कि जाटों, बैरवा, दलित, सिंधी, यादव, आदिवासी, गुर्जर-गौड़ ब्राह्मण, मीणा इत्यादि जातियों को मंत्रिमण्डल पुनर्गठन और पोर्टफोलियो बदलने से कितना-कितना लाभ होगा। नौबत यहां तक आ गयी है कि भाजपा सरकार इस हद तक रक्षात्मक मुद्रा में पहुंच गयी है कि मुख्यमंत्री कार्यालय के जरिये यह संदेश दिया गया है कि किस-किस जाति को क्यों उपकृत किया गया है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने नोटबंदी पर किये गये एक सवाल के जवाब में कहा कि मोदी जी के समाजवाद का यह नया माॅडल समझ लीजिये। नोटबंदी से ब्लैकमनी तो खत्म हुई नहीं। पहले अगर एक हजार लोगों के पास ब्लैकमनी थी तो अब डेढ हजार के पास पहुंच गयी है। कमीशन आधार पर नोट बदले गये हैं, बैंकों के कई अधिकारी करोडपति बन गये हैं। आज एक व्यक्ति को 24 हजार रूपये निकालने में, 4 हजार रूपये बदलवाने में तकलीफ आई है, धंधा करने में तकलीफ आ रही है और दूसरी तरफ करोडों रूपये 2 हजार रूपये नई मुद्रा में मिल रहे हैं। ये नोट कहां से आये।