Production of olive grams for the first time in the world in Rajasthan
जयपुर।  मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे के विजन और कृषि मंत्री प्रभुलाल सैनी के प्रयासों से राजस्थान देश में जैतून की खेती करने वाला एवं जैतून की प्रोसेस्ड ऑलिव टी बनाने वाला विश्व का पहला राज्य बन गया है। यह रोचक बात है कि जैतून राज्य की परम्परागत फसल नहीं होने के बावजूद भी इसका उत्पादन और प्रसंस्करण राजस्थान में सफलतापूर्वक होने लगा है। अगर राज्य में जैतून उत्पादन की ओर नजर डालेंए तो पता चलता है कि जैतून की खेती की शुरूआत इस सरकार के गत कार्यकाल में हुईए जब मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे के नेतृत्व में कृषि विशेषज्ञों का एक दल इजरायल गया था। वहां से लौटने के बाद मुख्यमंत्री  वसुन्धरा राजे ने प्रदेश में जैतून की खेती करने का निर्णय लिया। 20 मार्चए 2008 को बस्सी के ढिंढोल फार्म पर जैतून के प्रथम पौधे का रोपण किया गया। राज्य के 7 कृषि जलवायु खंडों में इसका प्रायोगिक रोपण किया गया। यह प्रयोग सफल हुआ और राज्य में जैतून लहलहाने लगा। प्रदेश में जैतून अरबेक्विनाए बरनियरए फ्रंटोयोए कोर्टिनाए कोलोनाइकीए पासोलिनए पिकुअल किस्मों का पौधारोपण किया गया है। सफल पौधारोपण के बाद इसका लगातार विस्तार होता गया। बीकानेर के लूणकरणसर में वर्ष 2014 में  5 मैट्रिक टन प्रति घंटा क्षमता वाली देश की पहली जैतून रिफायनरी स्थापित की गई। किसानोंं को उनकी उपज का उचित भाव देने के उदेश्य से राज्य सरकार द्वारा जैतून के तेल विक्रय हेतु ओलिव ब्रांडष स्थापित किया गया तथा वर्ष 2017 में बॉटलिंग प्लांट भी स्थापित कर दिया गया है। किसानोंं से जैतून के फल अन्तराष्ट्रीय भावो पर क्रय करने की नीति भी राज्य सरकार द्वारा जारी की गयी हैए इसके बाद अब किसानों द्वारा उत्पादित जैतून फलाें का क्रय अन्तराष्ट्रीय भाव के अनुसार किया जायेगा।
किसानोंं को जैतून के फल के साथ मिल रहे हैं पत्तियों के भी दाम 
सरकार ने जैतून उत्पादक किसानोंं की आय को दोगुनी करने के लिए इसकी पत्तियों के विपणन और प्रसंस्करण के लिए शोध शुरू किया। कई महीनों तक चले इस शोध में सामने आया कि जैतून की पत्तियों से चाय बनाई जा सकती है। विभाग ने इस पर गंभीरता से विचार किया और ष्ष्ग्लोबल राजस्थान एग्रीटेक मीट 2016ष्ष् में इस क्षेत्र में काम करने के लिए इच्छुक निजी कंपनियों को आमंत्रित किया गया। जैतूून की चाय बनाने के लिए ओलिटिया फूड्स कंपनी ने सरकार के साथ एमओयू किया। कंपनी ने जयपुर जिले के बस्सी में जैतून पत्तियों की चाय का संयत्र स्थापित कर दिया है। इस संयंत्र के स्थापित होते ही राजस्थान विश्व की पहली प्रसंस्कृत चाय का उत्पादन करने वाला राज्य बन गया। राज्य सरकार का यह प्रयोग सफल रहा और आज यूरोप के कई देश यहां से जैतून की चाय लेने के लिए अनुबंध कर रहे हैं। मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने इस ऑलिव टी की लाँचिंग करते हुए कहा था कि इससे प्रदेश के किसानोंं द्वारा कड़ी मेहनत से उपजाए गए जैतून की गुणवत्ता को अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिलेगी। इस चाय की लोकप्रियता बता रही है कि हमारे किसानोंं को इसके माध्यम से अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिलने लगी है।
स्वास्थ्य के लिए वरदान है जैतून की चाय
कृषि मंत्री प्रभुलाल सैनी ने बताया कि जैतून की चाय स्वास्थ्य के लिए वरदान है और इसके सेवन से कई तरह के कैंसर के होने की संभावना नगण्य हो जाती है। यह एंटी ऑक्सिडेंट और एंटीडायबिटीक होने के साथ ही हमारी रोगप्रतिरोधक क्षमता को भी मजबूत करती है। उन्होंने बताया कि जैतून की खेती को लेकर मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने जो सपना देखा थाए अब वह साकार हो गया है।

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