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delhi.स्वच्छ भारत मिशन (एसबीएम) के चार साल पूरे होने के अवसर पर स्वच्छता अभियान के अपने अंतिम चरण में प्रवेश करने के तथ्‍य को ध्‍यान में रखते हुए स्वच्छता से जुड़े जन आंदोलन ‘स्वच्छता ही सेवा 2018′ का आयोजन 15 सितंबर से 2 अक्टूबर 2018 तक किया जाएगा। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में पिछले साल ‘एसएचएस 2017 को मिली उल्‍लेखनीय सफलता को ध्‍यान में रखते हुए ही ‘एसएचएस 2018’ का आयोजन किया जा रहा है।

‘एसएचएस 2018’ अभियान का समापन 29 सितंबर से 02 अक्टूबर तक नई दिल्ली में आयोजित किए जाने वाले ‘महात्मा गांधी अंतर्राष्ट्रीय स्वच्छता सम्मेलन (एमजीआईएससी)’ के साथ होगा, जो महात्मा गांधी की 150वीं जयंती से जुड़े समारोह के शुभारंभ को भी दर्शाता है। एसएचएस का लक्ष्य स्वच्छ भारत के विजन को साकार करने के उद्देश्‍य से इस जन-आंदोलन को नई गति प्रदान करना है जिससे इस विश्वास की पुष्टि होती है कि ‘स्वच्छता सभी की जिम्मेदारी है।’ पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय में सचिव श्री परमेश्वरन अय्यर ने आज यहां इस अभियान की प्रमुख बातों से संवाददाताओं को अवगत कराया।

इस अभियान की प्रमुख बातें निम्नलिखित हैं-
अभियान के उद्देश्य
स्वच्छ भारत मिशन के चार साल पूरे होने के अवसर पर स्वच्छ भारत अभियान में तेजी लाना
स्वच्छ भारत से जुड़े जन आंदोलन को नई गति प्रदान करना और इसमें निरंतरता की नींव डालना
‘स्वच्छता सभी की जिम्मेदारी है’ से जुड़ी अवधारणा की फिर से पुष्टि करना
राष्ट्रव्यापी अभियान के साथ महात्मा गांधी की 150वीं जयंती से जुड़े समारोहों का शुभारंभ करना
माननीय प्रधानमंत्री द्वारा देश भर में शुभारंभ करनाः 15 सितंबर 2018

समुदाय के विभिन्न वर्गों और प्रतिष्ठित हस्तियों इत्यादि के साथ देश भर में 15 से भी अधिक स्थानों पर वीडियो कांफ्रेंस के जरिए इसका शुभारंभ किया जाएगा। इसके बाद व्यापक समुदाय सहभागिता के साथ श्रमदान गतिविधियां शुरू की जाएंगी जिनमें निम्नलिखित शामिल हैं-

जमीनी स्तर से जुड़े स्वच्छता महारथी जैसे कि महिला सरपंच, स्वच्छाग्रही, विद्यार्थी, निगरानी समितियां, युवा संगठन, कॉरपोरेट जगत, इत्यादि।
फिल्म जगत से जुड़ी हस्तियां एवं खिलाड़ीगण,धर्मगुरु,कॉरपोरेट/मीडिया जगत के प्रतिष्ठित लोग, चुनिंदा केंद्रीय मंत्री एवं मुख्यमंत्री

स्कूलों की सहभागिताः 15 सितंबर, 2018
देश भर में स्कूली बच्चों द्वारा बड़े पैमाने पर स्वच्छता श्रमदान करना
3-5 कक्षाओं के बच्चों द्वारा हाथ धोने के अभियान में शामिल होना, 6-12 कक्षाओं के विद्यार्थियों द्वारा बाह्य (आउटडोर) स्वच्छता अभियान में शामिल होना
स्वच्छता सभाः 16 सितंबर, 2018
ग्राम पंचायतों में स्वच्छता की स्थिति पर कड़ी नजर रखने और भविष्य के लिए कार्य योजना बनाने के एजेंडे के साथ गांवों में विशेष ग्राम सभाएं आयोजित की जाएंगी
सेवा दिवसः 17 सितंबर, 2018
देश भर में केंद्रीय एवं राज्य मंत्रियों के साथ-साथ मंत्रियों की अगुवाई में केंद्र एवं राज्य सरकारों के कर्मचारियों द्वारा भी देश भर में स्वच्छता संबंधी गतिविधियां आयोजित की जाएंगी।
रेलवे स्वच्छता दिवसः 22 सितंबर, 2018
रेलगाड़ियों और स्टेशनों/प्लेटफॉर्मों पर गंदगी को फैलने से रोकने के उद्देश्य से भारतीय रेलवे से सफर करने वाले यात्रियों के लिए स्वच्छता पर जन- जागरूकता अभियान
डिस्प्ले फ्लैग और एसबीएम का लोगो
सहभागिता- सभी रेल कर्मचारियों, उनके परिवारों, समस्त रेलवे स्टेशनों, कॉलोनियों और आसपास के क्षेत्रों में कार्यरत कर्मचारियों द्वारा
अंत्योदय दिवसः 25 सितंबर, 2018
प्रत्येक स्वच्छाग्रही से कहा जाएगा कि वह स्वयं के स्वच्छग्रहियों का समूह (स्वच्छग्रहियों के स्वच्छाग्रही) तैयार करे
प्रत्येक टीम अपने-अपने गांवों में ओडीएफ (खुले में शौच से मुक्त) की नवीनतम स्थिति को ध्यान में रखते हुए अपने-अपने गांवों में ओडीएफ और ओडीएफ+ से जुड़ी गतिविधियों पर काम करेगी
एसएचएस पखवाड़े के जरिए अन्य गतिविधियां
युवाओं की सहभागिता
कॉलेज के विद्यार्थियों, एनवाईकेएस से जुड़े युवाओं और एनसीसी कैडेटों द्वारा बड़े पैमाने पर जागरूकता अभियान एवं रैलियां आयोजित करना
पेंशनभोगी एवं सशस्त्र बल से जुड़े अवकाश प्राप्त कर्मी
पेंशनभोगी एवं सशस्त्र बल से जुड़े अवकाश प्राप्त कर्मी अपने आस-पास के क्षेत्रों, आरडब्ल्यूए, क्लब और सोसायटी में स्वच्छता से जुड़ी गतिविधियों की अगुवाई करेंगे

दर्शनीय स्थलों की साफ-सफाई

साफ-सफाई से जुड़ी गतिविधियों के लिए 30 स्वच्छ दर्शनीय स्थलों पर फोकस

कॉरपोरेट सेक्टर

प्रबंधन से जुड़े सभी अधिकारियों, कर्मचारियों द्वारा अपने-अपने परिसरों के अंदर और आस-पास के सार्वजनिक स्थलों पर श्रमदान करने के लिए एक अभियान चलाया जाएगा

मीडिया

एसबीएम के लक्ष्यों की प्राप्ति में मीडिया महत्वपूर्ण भूमिका निभाता रहा है। एसएचएस पखवाड़े के दौरान मीडिया से जन-जागरूकता पैदा करने और देश भर में इसकी पहुंच बढ़ाने का आग्रह किया जाता है। विभिन्न हितधारकों और समुदाय के वर्गों द्वारा एसएचएस के दौरान श्रमदान से जुड़ी गतिविधियों की नियमित कवरेज और रिपोर्टिंग ‘स्वच्छ भारत’ के सपने को साकार करने की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण साबित होगी।

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