The Prime Minister, Shri Narendra Modi addressing the inaugural session of centenary celebrations of ASSOCHAM, in New Delhi on December 20, 2019.

delhi. प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) सहित शिक्षा के क्षेत्र में आवश्यक सुधारों और समस्‍याओं पर विचार-विमर्श करने के लिए आज एक बैठक की। बैठक के दौरान शिक्षा क्षेत्र में प्रौद्योगिकी के उपयोग और समर्पित शैक्षणिक चैनलों पर ऑनलाइन कक्षाएं, शिक्षा पोर्टल और कक्षा वार प्रसारण जैसी प्रौद्योगिकी के उपयोग को बढ़ावा देने और अधिगम में सुधार लाने पर जोर दिया गया।

बैठक में गुणवत्‍तायुक्‍त शिक्षा तक सभी की पहुंच सुनिश्चित करने के लिए शिक्षा में एकरूपता लाने और एक नए राष्ट्रीय पाठ्यक्रम ढांचे के माध्यम से प्राथमिक शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने पर ध्‍यान केंद्रित किया गया। नए राष्‍ट्रीय पाठ्यक्रम ढांचे के तहत बहु-भाषाई शिक्षा, 21वीं सदी के कौशल, खेल एवं कला के एकीकरण, पर्यावरण संबंधी मुद्दों आदि पर जोर दिया गया है। स्कूल एवं उच्च स्तरों पर शिक्षा की विभिन्न विधाओं में प्रौद्योगिकी के उपयोग और प्रचार पर विस्तार से चर्चा की गई – यानी ऑनलाइन माध्‍यम, टीवी चैनल, रेडियो, पॉडकास्ट आदि। भारतीय शिक्षा व्‍यवस्‍था को सर्वोच्‍च वैश्विक मानकों के अनुरूप बनाने के लिए उच्‍च शिक्षा परिदृश्‍य में सुधार लाने से शिक्षा को प्रभावी, समावेशी, भारतीय संस्कृति एवं लोकाचार के लिहाज से समकालीन बनाने पर जोर दिया गया। कुल मिलाकर बैठक में प्रारंभिक बाल्यावस्था की देखभाल एवं शिक्षा, बुनियादी साक्षरता एवं संख्या ज्ञान, समकालीन शिक्षाशास्त्र को अपनाने, भारत की सांस्कृतिक एवं भाषाई विविधता को संरक्षित करने, शिक्षा के शुरुआती व्यावसायिककरण पर विशेष ध्यान देने पर जोर दिया गया।

सभी के लिए उच्‍च गुणवत्‍ता वाली शिक्षा सुनिश्चित करते हुए एक जीवंत ज्ञानवान समाज के निर्माण के लिए शिक्षा में सुधार करने का निर्णय लिया गया ताकि भारत को ‘ग्‍लोबल नॉलेज सुपर पावर’ बनाया जा सके।

इन सभी लक्ष्यों को हासिल करने के लिए और कुशल शैक्षिक प्रशासन को सुनिश्चित करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी कृत्रिम बौद्धिकता सहित प्रौद्योगिकी के व्यापक उपयोग को बढ़ावा दिया जाएगा।
– प्रधानमंत्री मोदी ने विद्युत क्षेत्र पर विचार-विमर्श के लिए की समीक्षा बैठक

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने आज विद्युत क्षेत्र के संबंध में एक विस्‍तृत बैठक की और कोविड-19 के प्रभाव का जायजा लिया। उन्‍होंने इस क्षेत्र के टिकाऊपन, लचीलेपन और दक्षता में वृद्धि करने के लिए विविध दीर्घकालिक उपायों पर भी चर्चा की।

इस बैठक में कोरोबार करने में सुगमता; नवीकरणीय ऊर्जा के प्रचार;कोयले की आपूर्ति में लचीलापन; सार्वजनिक-निजी भागीदारियों; और विद्युत क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने के उपायों पर विचार-विमर्श किया गया। प्रधानमंत्री ने अर्थव्‍यवस्‍था को गति प्रदान करने में विद्युत क्षेत्र के महत्‍व को रेखांकित किया। निजी निवेश आकृष्‍ट करने के लिए संविदाओं के कारगर अमल की आवश्‍यकता के बारे में भी चर्चा की गई।

उन्‍होंने उपभोक्‍ता की केंद्रीयता के महत्‍व पर बल दिया और सभी उपभोक्‍ताओं को 24X7 गुणवत्‍तापूर्ण और विश्‍वसनीय विद्युत आपूर्ति उपलब्‍ध कराने के लक्ष्‍य की दिशा में कार्य करने का निर्देश दिया। बेहतर गवर्नेंस के साथ शुल्‍क को तर्कसंगत बनाने और सब्सिडी को समय पर जारी करने सहित वितरण कम्‍पनियों की व्‍यवहार्यता में सुधार लाने के उपायों पर भी चर्चा की गई।

इस बैठक में गृह मंत्री, वित्‍त मंत्री, विद्युत और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा तथा कौशल विकास एवं उद्यमिता राज्‍य मंत्री, वित्‍त राज्‍य मंत्री और भारत सरकार के वरिष्‍ठ अधिकारियों ने भाग लिया।

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