Sushma

नई दिल्ली। कश्मीर मुद्दे को लेकर यूएन में रोना रो रहे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी पर भारत ने जमकर पलटवार किया है। भारत ये जवाब देने के अपने अधिकार का इस्तेमाल करते हुए पाकिस्तान का सारा कच्चा चिट्ठा दुनिया के सामने रखा और पाकिस्तान को टेररिस्तान करार दिया। संयुक्त राष्ट्र में भारतीय राजनयिक एनम गंभीर ने इन 10 खुलासों से पाकिस्तान की हकीकत दुनिया के सामने कर दी।

  1. पाकिस्तान अब ‘टेररिस्तान’ है। वह आतंक का पर्याय बन चुका है। वहां एक फलता-फूलता उद्योग है जो वैश्विक आतंकवाद को पैदा करता है और उसका निर्यात करता है।
  2. यह कितनी अजीब बात है कि जिस देश ने ओसामा बिन लादेन को संरक्षण दिया और मुल्ला उमर को शरण दे रखी है वही देश खुद को पीड़ित बता रहा है।
  3. पाकिस्तान के सभी पड़ोसी तथ्यों को तोड़-मरोड़ने, धूर्तता, बेईमानी तथा छल-कपट पर आधारित कहानियां तैयार करने की उसकी चालों से भलीभांति परिचित हैं और परेशान हैं।
  4. वैकल्पिक तथ्यों को तैयार करने के प्रयासों से वास्तविकता नहीं बदल जाती।
  5. पाकिस्तान अपने छोटे से इतिहास में आतंक का पर्याय बन चुका है।
  6. वर्तमान स्थिति का अंदाजा इसी तथ्य से लगाया जा सकता है कि लश्कर ए तैयबा जिसे संयुक्त राष्ट्र ने आतंकी संगठन घोषित किया है, उसका प्रमुख हाफिज मोहम्मद सईद अब राजनीतिक दल का नेता बनने की तैयारी कर रहा है।
  7. इसमें से कुछ भी पाकिस्तान के जम्मू-कश्मीर राज्य पर लालच भरी नजर डालने के प्रयासों को सही साबित नहीं कर सकता, जम्मू-कश्मीर हमेशा भारत का अभिन्न हिस्सा है और रहेगा। पाकिस्तान चाहे सीमा पार आतंकवाद को कितना ही बढ़ाए लेकिन वह भारत की क्षेत्रीय अखंडता को कमतर करने में कभी कामयाब नहीं होगा।
  8. टेररिस्तान एक ऐसा क्षेत्र है जिसके आतंक के वैश्विकरण में योगदान की तुलना हो ही नहीं सकती।
  9. पाकिस्तान को केवल यह समझाया जा सकता है कि वह दुनिया को तबाह करने के विचार को त्याग दे क्योंकि इसकी वजह से पूरी दुनिया को कष्ट उठाना पड़ा है।
  10. अगर उसे समझाया जा सके कि यदि वह सभ्यता, व्यवस्था और अमन के प्रति प्रतिबद्धता जताएगा तभी उसे साझा हितों से जुड़े राष्ट्रों के संघ में स्वीकार्यता मिल सकती है।

इससे पहले, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने पाकिस्तान पर जमकर निशाना साधा, यूएनजीए बैठक से इतर सुषमा ने कहा कि दक्षिण एशिया में ऐसे देश आतंकवाद की मदद कर रहे हैं और शरण दे रहे हैं, जो अपना हित साधने के लिए इनका इस्तेमाल करते हैं। लिहाजा दक्षिण एशिया में आतंकवाद अपनी पैठ बनाए हुए हैं। सुषमा स्वराज ने बिना नाम लिए पाकिस्तान को आतंकी संगठनों की शरणस्थली बताया। स्वराज ने कहा कि आतंकवाद को विदेश नीति के रूप में इस्तेमाल करने वाले देश आतंकी संगठनों को समर्थन और पनाह दे रहे हैं। वह संयुक्त राष्ट्र महासभा में ब्रिक्स मंत्रिस्तरीय बैठक में वैश्विक शांति और सुरक्षा के लिए खतरा बने आतंकी संगठनों पर बोल रही थीं। दूसरी ओर, ब्रिक्स देशों ने भी आतंकवाद के सभी रूपों की कड़ी निंदा की और उन्होंने संयुक्त राष्ट्र में व्यापक सुधार करने का आह्वान किया ताकि भारत और इस निकाय के उसके साथी पांच देश विश्व निकाय में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकें।

बॉर्डर पर एटमिक मिसाइल तैनात कर पाकिस्तान कर रहा है अमन-शांति की बात

पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में पूरी तरह से घिर चुका है। पाक प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी दूसरी तरफ कश्मीर मुद्दे का हल बातचीत से निकालने की बात कर रहे हैं। जबकि अब्बासी ने यूएन जाने से पहले भारत के खिलाफ कम रेंज वाले परमाणु हथियार विकसित किये जाने की बात कही थी। पाकिस्तान ने ये परमाणु हथियार भारतीय सेना द्वारा अपनाई गई कोल्ड स्टार्ट सिद्धांत का मुकाबला करने के लिए यह परमाणु हथियार विकसित किये हैं।

एक ओर अब्बासी यूएन में कह रहे हैं कि ‘पाकिस्तान भारत के साथ कश्मीर समेत हर मुद्दे पर बातचीत को तैयार है साथ ही वो आगे कहते हैं कि कश्मीर मुद्दे पर किसी विशेष दूत की नियुक्ति की जानी चाहिए, जो दोनों देशों के बीच शांति समझौते पर बात करे लेकिन दूसरी तरफ शाहिद खाकान ने यह भी कह रहे हैं कि पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ कम रेंज वाले परमाणु हथियार विकसित किये हैं।

चूंकि पाकिस्तान को भारत ने यूएन में आतंकवाद सहित अफगानिस्तान में जारी हिंसा और अशांति पर भी घेरा है तब अब्बासी ने कहा कि ‘पाकिस्तान को अफगानिस्तान की हिंसा पर ठहराया जाना गलत है, हमें इस मुद्दे पर बलि का बकरा नहीं बनाया जा सकता है। फिर उन्होंने कश्मीर में पैलेट गन के इस्तेमाल से भारत जेनेवा संधि का उल्लंघन करने की बात करते हुए अंतरराष्ट्रीय जांच की मांग भी की है।

न्यूक्लियर पावर हो या फिर सैन्य मोर्चा अगर भारत-पाक के बीच युद्ध होता है तो यह तय है कि भारत के सामने पाकिस्तान कहीं नहीं टिक पाएगा। पाकिस्तान ने परमाणु बम का जखीरा तैयार कर रखा हो लेकिन पाकिस्तान कभी भारत का सैनिक मोर्चे पर मुकाबला नहीं कर सकता है। ग्लोबल फायरपावर इंडेक्स के ताजा आंकड़ो के मुताबिक सैन्य मामलों में पाकिस्तान से भारत 7 पायदान ऊपर है। दुनियाभर की आर्मी की ताकत पर किए गए सर्वे में कहा गया है कि आर्मी पावर में पाकिस्तान 13वें स्थान पर है जबकि भारत सैन्य शक्ति में पहले चार में शामिल है। आनेवाले समय में भारत की सैन्य शक्ति 2020 तक सबसे अधिक होगी।

भारत में सैन्य संख्या जिसमें जल, थल, और वायु तीनों ही शामिल हैं एक्टिव सैन्य की संख्या 14 लाख से अधिक है। वहीं पाकिस्तानी सेना महज 7 लाख है। वहीं भारत के मेन टैंक का आंकड़ा करीब 6, 464, जबकि पाकिस्तान का आंकड़ा भारत के टैंक से आधा है। पाकिस्तान का यह आंकड़ा 2924 ही है। भारत में फाइटर प्लेन 1905, जबकि पाकिस्तान यह आंकड़ा महज 914 पर ही थम जाता है।

वहीं नेवी और पानी के भीतर भी भारत की मजबूती पाकिस्तान से दुगुनी है। भारत पानी के भीतर लड़ने के लिए भी कमर कस चुका है इसीलिए भारत में पनडुब्बी 15 है। जबकि पाकिस्तान में पनडुब्बियों की संख्या महज 8 ही है।  वहीं अगर सैन्य बजट की बात करें तो भारत का रक्षा बजट तकरीबन 51.3 बिलियन डॉलर है जबकि पाकिस्तान का रक्षा बजट महज 7.6 बिलियन डॉलर है।

 

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