जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट में न्यायाधीश एस पी शर्मा की एकलपीठ ने राज्य सरकार को 1993 में सेवानिवृत्त याचिकाकर्ता डॉ. रामेश्वरलाल दीक्षित की इलाज में खर्च हुई राशि नौ प्रतिशत ब्याज सहित लौटाने के आदेश दिए हैं। हाईकोर्ट ने राशि का पुनर्भुगतान नहीं करने वाले सीकर कोषागार के अधिकारी से स्पष्टीकरण मांगते हुए सरकार को छूट दी है कि वह चाहे तो संबंधित अधिकारी से पुनर्भुगतान की गई राशि की वसूली कर सकती है।
याचिका में बताया गया है कि राज्य सरकार ने 2००9 में नियम बनाकर सेवानिवृत्त कर्मचारी को दी जाने वाली मेडिकल डायरी का हर साल नवीनीकरण करने का प्रावधान किया था।उसने 12 सितंबर 2००9 को ऑपरेशन कराया था। जिसका खर्च करीब 1,77,००० रुपए आया, लेकिन सीकर कोषागार ने यह कहते हुए पुनर्भुगतान से इंकार कर दिया कि उसने 22 सितंबर 2००9 को मेडिकल डायरी का नवीनीकरण कराया। जबकि राज्य सरकार ने पूर्व में सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों को 2००9 के नियमों की जानकारी ही नहीं दी। उस पर सेवानिवृत्त होने की तिथि को पुराने नियम ही लागू थे।

























